बीआरएस सरकार को बड़ा झटका: चुनाव आयोग ने रायथु बंधु योजना जारी रखने की इजाजत ली वापस

 

उत्तर प्रदेश: चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार की रायथु बंधु योजना को चालू रखने की इजाजत वापस ले ली है। बता दें कि इस योजना के तहत सरकार किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करा रही है। चुनाव आयोग ने कहा है कि जब तक राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी तब तक योजना के तहत किसी प्रकार की वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी। कांग्रेस पार्टी बीआरएस सरकार को मिली मंजूरी का विरोध कर रही थी।

 

 

बता दें कि तेलंगाना सरकार की रायथु बंधु योजना के तहत सरकार राज्य के हर किसान के बैंक खाते में 5000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पैसे स्थानांतरित करती है। ये रकम साल में दो बार यानी खरीफ और रबी की फसल के वक्त स्थानांतरित किए जाते हैं। इस तरह हर किसान के खाते में प्रति एकड़ 10 हजार रुपये जमा होते हैं। इस योजना के तहत अब तक तेलंगाना सरकार 70 हजार करोड़ रुपये राज्य के किसानों के खातों में जमा कर चुकी है और इससे 60 लाख किसानों को फायदा हुआ है। बीआरएस ने रायथु बंधु योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाकर 16 हजार रुपये प्रति वर्ष करने का एलान किया है।

 

 

तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके चलते राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू है। ऐसे में राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से अपील की थी कि रायथु बंधु योजना के तहत राज्य के किसानों के बैंक खातों में 24 नवंबर से सब्सिडी का पैसा वितरित करने की मंजूरी मांगी थी। चुनाव आयोग ने इसकी मंजूरी दे भी दी थी लेकिन कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस ने इसकी चुनाव आयोग से शिकायत की और तर्क दिया कि इससे मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने बीआरएस सरकार को दी मंजूरी वापस ले ली है।

 

 

 

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