दूसरे देशों में घुसकर दुश्मनों को मारने वाला अमेरिका: लेकिन पन्नू को बचाने के लिए भारत से क्यों टकराया?
विदेश: 18 सितंबर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में कहा- हमारे नागरिक और सिख एक्टिविस्ट हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ था। इस आरोप के 2 महीने 4 दिन बाद ही ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी।
इसमें दावा किया गया कि अमेरिका ने भारत पर उसके नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मरवाने की साजिश रचने के आरोप लगाए हैं। अमेरिका ने भारत को डिप्लोमेटिक वॉर्निंग भी दी है। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की दोहरी नागरिकता है।
दोनों देशों के लिए पन्नू एक सिख एक्टिविस्ट है, जबकि भारत ने इसे 1 जुलाई 2020 को आतंकी घोषित कर दिया था। अमेरिका और कनाडा में बैठकर पन्नू भारत के खिलाफ हमलों की साजिश रचता है। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत के आतंकी को अमेरिका क्यों बचा रहा है। जबकि खुद अमेरिका ने दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को मारने के लिए कई ऑपरेशन चलाए हैं।
आतंकी हमले के बाद CIA लगातार अलकायदा सरगना लादेन को खोजने में जुट गई। 2005 में अमेरिका को लादेन के डाकिए की जानकारी मिली। इसका नाम था- अबू अहमद अल-कुवैती। CIA ने इसका पीछा करना शुरू किया।
जुलाई 2010 में अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी ने लादेन के डाकिए के सैटेलाइट फोन की लोकेशन को ट्रैक कर लिया। इससे पता चला कि लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद इलाके में रहता है। डाकिए के जरिए लादेन के घर का भी पता चल गया।
विदेश मामलों के जानकार राजन कुमार के मुताबिक कनाडा और अमेरिका में कई गैंग ऑपरेट करते हैं। जो आपस में एक-दूसरे के खिलाफ काम करते हैं। ऐसा हो सकता है कि पन्नू पर हमले में भारत का कोई रोल नहीं हो और किसी गैंग के किए अपराध का इल्जाम भारत पर लगा हो।
1) अमेरिका ने खुद दूसरे देशों में ऑपरेशन चलाकर अपने दुश्मनों को मरवाया है। हालांकि, वो भारत से उम्मीद करता है कि एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते वो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करे। यही वजह है कि अमेरिका ने पन्नू को बचाने की कोशिश की है और भारत को डिप्लोमेटिक वॉर्निंग दी है।
2) पन्नू के पास कनाडा के अलावा अमेरिका की भी नागरिकता है। ऐसे में सभी देश अपने नागरिकों को सुरक्षा की गारंटी देते हैं। इस वजह से भी पन्नू को बचाने के लिए अमेरिका आगे आया।