चीन में तेजी से फैल रही रहस्यमयी बीमारी: यूपी के 10 करोड़ बच्चों पर मंडराया खतरा; जाने कैसे करना होगा बचाव

 

लखनऊ: चीन में तेजी से फैल रही रहस्यमयी बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया हैं। इस बीच यूपी में भी इस रहस्यमयी निमोनिया को लेकर डर जैसा माहौल बन रहा हैं। कोविड के बाद फिर से किसी बड़ी बीमारी के खतरे को लेकर विशेषज्ञ भी चीन के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। यूपी के 3 टॉप एक्सपर्ट से बात करके, इस रहस्यमयी बीमारी पर उनकी राय जानिए

चीन में लगातार तेजी से सांस रोगियों की संख्या बढ़ी है। फिलहाल जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक ये बीमारी बच्चों में ही पाई जा रही है। हमने देखा है कि चीन में कोविड के दौरान सख्ती से लॉकडाउन लगाया गया था। जिन इलाकों में 2 से 3 साल तक लॉकडाउन रहा, वहां इस रहस्यमयी बीमारी का असर देखा जा रहा है।

ये ध्यान देना होगा कि पिछले साल भी कुछ देशों में ऐसे ही हालात तब देखने को मिले थे तब वहां लॉकडाउन के रिस्ट्रिक्शन हटाए गए थे। बहरहाल लापरवाही नहीं बरतनी है। वहां के हालात को देखते हुए सरकार द्वारा जो भी निर्देश जारी किए गए हैं, उनका पालन करना होगा।

 

 

 

सवाल – चीन में फैली इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर भय जैसा माहौल बन रहा हैं? क्या ये कोविड जैसी महामारी की आहट है?
जवाब
 – नहीं, अभी इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नही होगा। हां, डरने जैसे हालात नहीं है। पर सतर्कता, सर्विलांस और बचाव की तैयारियां यानी हर स्तर पर अलर्टनेस जरूरी है। बच्चों से जुड़ा मामला है, इसलिए लापरवाही ठीक नहीं।

सवाल – इस बीमारी के फैलने के कितने चांस हैं? क्या भारतीय लोगों की इम्यूनिटी कमजोर पड़ रही है?
जवाब – ये देखना होगा कि इस रहस्यमयी बीमारी के पीछे असल कारण क्या है। वायरस या बैक्टीरिया। ऐसा भी कहा जा रहा है कि इसका मिश्रण भी हो सकता हैं। ये सुपर स्प्रेडर होगा, अभी कह पाना मुश्किल है पर बच्चों को परेशानी में डाल सकती है। इसके अलावा ठंड के मौसम में बच्चों में निमोनिया के अटैक में तेजी आ सकती है, इसलिए सावधानी जरूरी भी है। कोविड के दौरान वैक्सीनेशन के कारण बड़ी आबादी में इम्यूनिटी आ गई थी पर अभी का स्टेटस सिरो सर्वे से ही पता चल पाएगा।

 

 

 

 

सवाल – इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर यूपी में क्या कुछ अलर्ट और अहतियात बरतने की जरूरत है?
जवाब – कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर से कई बीमारियों को टाला जा सकता हैं। इन सभी सावधानियों को पहले भी अपनाया गया हैं। आगे भी यही सतर्कता अपनानी होगी।

डॉ.वेद प्रकाश कहते हैं कि फिलहाल जो जानकारी मिल पा रही है, उसके अनुसार ये कहा जा सकता है कि ये रेस्पिरेटरी और लंग्स डिसीज हैं। इसके गंभीर लक्षण भी सामने आ रहे हैं। पर राहत की बात ये हैं कि अभी तक इसके नॉवेल वायरस होने की पुष्टि नहीं हुई है। बावजूद इसके सतर्कता बेहद जरूरी है।

 

 

 

 

 

सवाल – क्या ये रहस्यमयी बीमारी कोविड जैसा रूप ले सकती है?
जवाब – फिलहाल ये कह पाना मुश्किल होगा पर हमे कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। हर किसी को याद है कि कैसे कोरोना चीन से निकलकर दुनिया भर में फैल गया था, और फिर भारत तो पड़ोसी मुल्क है। चीन में किसी भी मिस्टीरियस या घातक वायरस या बैक्टीरियल स्प्रेड से सतर्क रहना सभी की जिम्मेदारी है।

सवाल – मौजूदा समय किन बातों पर ध्यान रखना चाहिए?​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​
जवाब – सबसे पहले ये अप्रोप्रियेट बिहेवियर पर फोकस करना होगा। मास्क लगाना होगा। शारीरिक दूरी बनाना होगा और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना होगा। इसके अलावा सैनिटाइजेशन को लेकर भी सतर्क रहना होगा। इन सब प्रयासों से न सिर्फ चीन की इस रहस्यमयी बीमारी से बचाव होगा, किसी भी तरीके की अन्य बीमारियों से भी लाभ मिलेगा।

 

 

 

 

सवाल – आप कोविड के दौरान भी सीएम के एडवाइजरी ग्रुप में शामिल रहे, थिंक टैंक इससे बचने के साथ तैयारियों पर क्या कहेगा?​​​​​​​
जवाब – देखिए, मेरा यही कहना है कि पोस्ट कोविड में कोई सुपर स्प्रेडर घातक भी हो सकता है, इसलिए किसी तरह की कोई लापरवाही न बरतें। हां.. ये सच हैं कि पैनिक नहीं होना है बस तैयारी और अलर्टनेस पर पूरा ध्यान रखना है। कहीं कोई भी समस्या आए उससे पहले अस्पतालों के इन्फ्रास्ट्रक्चर, दवाएं, मेडिकल किट, मेडिकल स्टॉफ समेत अन्य सभी जरूरी चीजों को पहले से ही रेडी रखना पड़ेगा।

यूपी पीडियाट्रिक एसोसिएशन के प्रमुख डॉ.संजय निरंजन का कहना है कि चीन की इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर बिना ठोस जानकारी के कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा पर इतना जरूर है कि अलर्टनेस में कमी नहीं आनी चाहिए। बच्चों को लेकर ज्यादा सतर्क रहना पड़ेगा।

 

 

 

 

 

सवाल – इसकी चपेट में किन बच्चों के आने की संभावना ज्यादा है?​​​​​​​
जवाब –
 कोविड के दौरान जो भी नियम लोगों ने फॉलो किए थे, उसे आगे भी अपनाना होगा। कुछ बच्चों में इम्यूनिटी बेहद कम होती हैं, उनको लेकर और सजग रहना पड़ेगा। इसके अलावा जिन बच्चों में पहले से ही रेस्पिरेटरी इशू है, उन्हें दवा या इनहेलर के साथ तैयार रहना पड़ सकता है।

सवाल – इस रहस्यमयी निमोनिया से बचाव को लेकर कोई वैक्सीनेशन,जो बेहद जरूरी हो?​​​​​​​
जवाब – पहली बात,जन्म के बाद सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी है। तय समय मे नीमो कोकल वैक्सीन जरूर लगवाएं। इसके अलावा वैक्सीन की अन्य सभी डोज भी जरूर लगवाएं। वहीं 6 महीने से ज्यादा की उम्र वाले सभी फ्लू का टीका लगाएं। इसे एक साल में एक बार लगाना होता है। इसे जरूर लगवाएं। इसके अलावा 12 साल से ऊपर के बच्चों को कोविड के टीके भी लगवाएं। ध्यान रहे वैक्सीनेशन में चूक गंभीर लापरवाही के दायरे में आता है, यही कारण है कि ऐसा किसी भी सूरत में न करें।

 

 

 

 

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