विधानसभा सत्र में काले कपड़े पहनकर पहुंचे सपा विधायक: अखिलेश ने कहा-सत्ता पक्ष हमारे सवालों से बच रहा
यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्रवाई 53 मिनट चली। 10 विधायकों के लिए शोक प्रस्ताव रखने के बाद स्थगित कर दी गई। 3 सपा विधायक काले कपड़े पहनकर सदन पहुंचे। वहीं, सपा के ही जाहिद बेग साइकिल साइकिल से पहुंचे। उनके कुर्तें में लिखा था-बहुत हुआ भ्रष्टाचार..होश में आओ योगी सरकार। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और सीएम योगी भी सदन पहुंचे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा। पहले सदन में मारपीट होती थी। लेकिन बीते 6 साल से सदन गरिमापूर्ण तरीके से चल रहा है। उन्होंने सदस्यों से अपील की है कि सदन गरिमापूर्ण तरीके से चलाने में मदद करें। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
सीएम योगी ने पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक रहे आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ व अन्य पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि कैंसर जैसी बीमारी से यूपी में बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। सरकार से आग्रह है कि जो संस्थान इन बीमारियों के इलाज के लिए चल रहे हैं। उन्हें मजबूत करें। 10 विधायकों को लेकर शोक प्रस्ताव रखा गया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार विपक्ष का सामना करना नहीं चाहती। तमाम समस्याओं पर चर्चा होना जरूरी है। सरकार विपक्ष के सवालों से बच रही है। किसानों, बेरोजगारों की सुनवाई नहीं हो रही है। यूपी में इंवेस्टमेंट कहीं नहीं दिख रहा है। आवारा जानवरों से किसानों की मौत हो रही है। सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है। जाति जनगणना की मांग कई दल करते हैं। नई नियमावली लाकर विरोध-प्रदर्शन रोक दिया। BJP नहीं चाहती कि जनता के मुद्दे उठाए जाएं।
राजभर बोले-5 राज्यों के चुनाव के बाद मंत्री पद का ऐलान सत्र से पहले लोकभवन में बीजेपी विधानमंडल की बैठक हुई। सहयोगी दल के सभी नेता मौजूद रहे। सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर से जब पूछा गया कि आपके मंत्री बनने को लेकर तस्वीर कितनी साफ हुई? उन्होंने कि 5 राज्यों के चुनाव होने के बाद इस बारे में ऐलान होगा।
सत्र शुरू होने से पहले उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा- प्रदेश के विकास के लिए हम लोग काम कर रहे हैं। विपक्ष के पास कुछ कहने को है नहीं, वे फ्रस्ट्रेशन में हैं। पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा- जनता ने विपक्ष को चर्चा के लिए सदन में भेजा है, मुद्दों को उठाने के लिए सदन में भेजा है, अगर यह प्रदर्शनकारी बनना चाहते हैं तो इनका स्वागत है।
विधानमंडल सत्र के पहले दिन विधानसभा में समाजवादी पार्टी कार्यालय का उद्घाटन होगा। इसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और अखिलेश यादव मौजूद रहेंगे। दरअसल, कांग्रेस और बसपा को विधानसभा और विधान परिषद में आवंटित कार्यालय को वापस ले लिया गया है। जबकि सपा को एक बड़ा कार्यालय दिया गया है। पार्टियों को विधानसभा सदस्यों के अनुसार विधानसभा में कार्यालय का आवंटन किया जाता है। इसे पार्टी के विधानसभा सदस्य और विधान परिषद सदस्य कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करते हैं
यूपी विधानसभा सदस्य नियमावली के मुताबिक, ऐसे दल को सचिवालय में ऑफिस, चपरासी और टेलीफोन जैसी अनेक सुविधाएं दी जाती है, जिसकी विधानसभा सदस्य संख्या 25 या उससे अधिक है। इन सभी चीजों का निर्धारण विधानसभा अध्यक्ष करते हैं। कांग्रेस के पास दो जबकि बसपा के पास एक सदस्य हैं।
शीतकालीन सत्र से पहले सोमवार को विधान भवन में सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन के अच्छे संचालन में सभी दलीय नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सदस्य सदन में सिर्फ हाजिरी न लगाएं, बल्कि सामूहिक चर्चा में भाग लेकर अपनी उपस्थिति कराएं।
वहीं, योगी ने कहा कि सदन बात रखने का महत्वपूर्ण माध्यम है। सदन जितनी देर चलेगा, लोकतांत्रिक मूल्यों की समृद्धि में उतना ही सहायक होगा। सरकार सभी चर्चाओं में भाग लेते हुए जवाब देगी। सुझावों के अनुरूप समाधान निकालने का प्रयास करेगी। सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की अनुपस्थिति में सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय शामिल हुए। सत्र के दौरान अपने दल की ओर से सकारात्मक चर्चा और सहयोग का भरोसा दिया।