न्यूज़ वाणी
ब्यूरो संजीव शर्मा
न्यूज़ वाणी उदी/इटावा दिन-रात मेहनत कर अभिजीत ने पिता का सपना किया साकार, लेफ्टिनेंट पद पर हुआ चयन,बढपुरा पर पट्टी उदी गांव और आसपास में दिखा खुशी का माहौल
इटावा।पिता के सपने को साकार करने के लिए एक बेटे ने दिन रात मेहनत करके अपने बड़े भाई सर्वजीत सिंह भदौरिया के सहयोग से अपने पिता स्वर्गीय कौशल सिंह भदौरिया का सपना साकार करके दिखाया है।बता दें कि अपने मूल निवासी जनपद इटावा के उदी से मुरैना मध्य प्रदेश पुलिस लाइन में रहने वाले 25 वर्षीय युवक अभिजीत सिंह भदौरिया का भारतीय थल सेना आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है।अभिजीत सिंह भदौरिया ने इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून ऑल इंडिया में 11वीं रैंक हांसिल की है।यहां बता दें कि उदी गांव मूल निवासी अभिजीत सिंह भदौरिया के पिता कौशल सिंह भदौरिया का सपना था कि उनका बेटा देश सेवा के लिए किसी बड़े पर आसीन हो।पिता का देहांत नौकरी के दौरान हो गया था।जिसके बाद अभिजीत के बड़े भाई सर्वजीत सिंह भदोरिया जो कि आज मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्थ हैं उन्होंने पूरी जिम्मेदारी संभाली और पूरा सहयोग किया जिससे दिन-रात मेहनत करके अपने छोटे भाई को लेफ्टिनेंट के पद पर पहुंचाया है।दादा जी मास्टर स्व. श्री त्रिभुवन सिंह भदौरिया जनपद इटावा के उदी गांव जिला पंचायत उच्चतम माध्यमिक विद्यालय में एक अच्छे शिक्षक रहे।जिनको राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया गया था।
अभिजीत सिंह भदोरिया की पढ़ाई- लिखाई, खाने पीने की सारी व्यवस्थाएं उनके बड़े भाई के द्वारा निभाई गयी हैं।लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुए अभिजीत सिंह भदोरिया ने 12वीं की पढ़ाई मुरैना में ही रहकर की है,उसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए भोपाल चले गए लेकिन अपने पिता का सपना साकार करने के लिए देश की सेवा के लिए तैयारी में जुट गए,पहले अभिजीत सिंह 14 वर्ष के लिए थल सेना के लिए चयनित हो गए थे लेकिन अभिजीत ने दोबारा तैयारी की और कड़ी मेहनत से थल सेना में सबसे उच्च पद पर सफलता प्राप्त की है।वहीं बड़े पद पर चयन होने पर भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस उपलब्धि पर समस्त परिवार जनों व अभिजीत को बधाई व शुभकामनाएं दी। साथ ही इस खुशी के मौके पर उनके परिवारजन, शिक्षक एवं इष्ट मित्रों के द्वारा माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया है।अभिजीत सिंह का कहना है कि अगर कोई भी व्यक्ति हौसला बुलंद कर ले तो मंजिल उसके कदमों में रहती है और उसे कोई भी दुनिया की ताकत रोक नहीं सकती है।खुशी के इस अवसर पर अभिजीत सिंह भदौरिया ने सहयोगी शिक्षक दीपक कुलश्रेष्ठ एवं पिता तुल्य अंकल बालिस्टर सिंह तोमर का भी अपने गृह निवास इटावा बढपुरा पारपटी उदी गांव बड़े बुजुर्गों सहित आभार व्यक्त किया है।