अभिमानी व्यक्ति का नाश निश्चित है : आचार्य सुशील जी महाराज

न्यूज़ वाणी

ब्यूरो संजीव शर्मा

 

न्यूज़ वाणी इटावा, जय भारत कॉलोनी पक्का बाग इटावा में सावित्री शीत गृह प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में परीक्षित पूर्व प्रधानाचार्य अरुण कुमार दुबे के यहां षष्ठम दिवस में राश पंचाद्यायी का वर्णन करते हुए पूज्य आचार्य अंतरराष्ट्रीय युवा संत श्री सुशील जी महाराज ने कहां के नाच गाना ही रास नहीं है जीवात्मा और परमात्मा के हृदय के सच्चे मिलन को महाराश कहा गया है l महाराष वृंदावन की पावन भूमि पर किया गया जहां भगवान शंकर भी स्वयं गोपी का भेष लेकर के आए जहां भगवान शिव का नाम गोपेश्वर हुआ तदुपरांत भगवान कृष्ण का मथुरा गमन प्रसंग सुनते हुए सभी भक्तों के नेत्रों से अश्रु धारा बहने लगी l मार्मिक प्रसंगों का वर्णन करते हुए पूज्य महाराज जी ने उद्धव चरित्र गोपी और भगवान कृष्ण के प्रेम का वर्णन करते हुए कंस वध लीला का प्रसंग मार्मिक ढंग से कहा और बताया कंस माने पाप कंस की दो पत्नी है अस्ति और प्राप्ति अभिमानी व्यक्ति की दो पत्नी होती हैं अभिमानी व्यक्ति यही कहता है कि मेरे पास इतना धन है और इतना और होगा भगवान कृष्ण ने ऐसे पाप का अंत किया व्यास जी ने भगवान कृष्ण और माता रुक्मणी के विवाह का प्रसंग श्रवण करा के भक्तों को मंत्र मुग्द किया एवं सभी इस आनंद में झूमने लगे। इस दौरान पुनीत दुबे उर्फ विनय,सुधीर कुमार दुबे,मधुर दुबे,नीरज तिवारी ,रवि , सुरेश राठौर , मन्ना बाबू दुबे,रजनीकांत पाठक आदि सहित कई भक्तो ने भागवत कथा सुनी ।

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