एसीएफ अभियानः कारागार से भी खोजे जा रहे टीबी रोगी -13 लोगों के बलगम का नमूना लिया गया – बंदियों को टीबी के लक्षणों और बचाव के बारे में भी किया गया जागरूक
फतेहपुर। राष्ट्रीय क्षय (टीबी) रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत सक्रिय क्षय रोगी खोजी (एसीएफ) अभियान के तहत कारागार में भी टीबी रोगी खोजे जा रहे हैं। इस क्रम में कारागार के 1018 बंदियों की स्क्रीनिंग की गयी, जिनमें से 13 संभावित क्षय रोगियों के बलगम का नमूना भी लिया गया । सभी बंदियों को टीबी के लक्षण और बचाव के बारे में जागरूक किया गया। इस मौके पर एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रशांत नरायण ने बताया कि जिन लोगों को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आए, बलगम के साथ खून आए, रात के समय पसीना आना, लगातार वजन कम होना और भूख न लगने जैसे लक्षण दिखें तो उन्हें टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। इन लक्षणों को छुपाएं नहीं, क्योंकि इससे अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि केवल फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक होती है और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया या खाना साझा करने से यह नहीं फैलती है। यह छींकने या खाँसने से फैलती है। इसलिए टीबी मरीज को मास्क का उपयोग करना चाहिए और खुले में थूकना नहीं चाहिए। समय से टीबी रोगी के पहचान होने और इलाज शुरू होने जाने से तीन सप्ताह बाद संक्रमण की आशंका नहीं रहती है। अगर टीबी मरीज का इलाज न हो तो वह एक वर्ष में दस से पंद्रह स्वस्थ लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरजों को पोषण के लिए 500 रुपये की राशि इलाज चलने तक उनके बैंक खाते में भेजी जाती है । सभी सरकारी अस्पतालों पर टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है । इस अवसर पर जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक राकेश, मो0 नशीम, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक अजीत सिंह, मुकुल, सौरभ और प्रवीण सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। एसीएफ अभियान पर एक नजर -लक्षित आबादी-32 लाख, कुल टीम-234, टीम के सदस्य-702, पर्यवेक्षक-52, चिकित्सा अधिकारी-13, लैब टेक्निशियन-38
कारागार में तीन टीबी मरीजों का चल रहा इलाज
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ निशांत शहाबुददीन ने बताया कि जिला कारागार में पहले से ही तीन टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। वहां स्थित अस्पताल से ही टीबी मरीजों को दवा खिलाई जाती है। इस बार के एसीएफ अभियान में जिले में अब तक 1211 सैंम्पल लिये जा चुके हैं और उनमें से 43 नये टीबी रोगी मिले है। सभी का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है।