गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सक कफील खान व पांच अज्ञात के खिलाफ कृष्णानगर थाने में शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप लगे हैं कि डॉ. कफील व उनके साथी सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और दंगा फैला सकते हैं। इसके लिए वे अपनी किताब विशेष समुदाय में बंटवा रहे हैं। किताब में सरकार विरोधी व भड़काऊ बातें लिखी गई हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
एलडीए कालोनी सेक्टर ई-निवासी व्यापारी मनीष शुक्ला के मुताबिक शुक्रवार को वह किसी काम से माताजी की बगिया गए थे। वहां गुमटी के पीछे चार-पांच लोग बातचीत कर रहे थे। वे सभी राज्य सरकार, उनके मंत्रियों व वरिष्ठ अफसरों को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। कह रहे थे कि डॉ. कफील ने गुप्त रूप से एक किताब छपवाई है। उसे प्रदेश भर में बांटा जा रहा है।
किताब लोकसभा चुनाव से पहले विशेष समुदाय के हर शख्स तक पहुंचाने की बात कर रहे थे। यह भी कह रहे थे कि किसी भी कीमत पर सरकार को उखाड़ फेंकना है। चाहे इसके लिए दंगा ही क्यों न करवाना पड़े। पुलिस ने डॉ. कफील को नामजद करते हुए पांच अज्ञात पर दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, समुदायों के बीच घृणा पैदा करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।
मनीष के मुताबिक जब वह सरकार के खिलाफ साजिश रचने वालों की बातें सुन रहे थे तभी उन्हें इस बात की भनक लग गई। इसके बाद आरोपी मौके से भागने लगे। उनके पास जो किताब थी वह गिर गई, जिसे उन्होंने पुलिस को सौंपा दिया है।
मनीष ने बताया कि जो किताब मिली उसके मुख्य पेज पर डॉ. कफील खान गोरखपुर अस्पताल त्रासदी अस्पताल से जेल तक शीर्षक लिखा था। पीछे भाग पर अस्पताल से जेल तक निर्दोष डॉक्टर की आपबीती… लिखा था। मनीष का आरोप है कि किताब में मौत का तांडव, हाहाकार मोटी चमड़ी खुलती हुई कड़ियां, निर्दोष डॉ. ऑन रोड्स…जैसे भड़काऊ व नफरती अध्याय हैं। किताब में सरकार के खिलाफ झूठी बातें लिखी गईं। वहीं, खुद को निर्दोष बताया गया। मालूम हो गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कई बच्चों की मौत के मामले डॉ. कफील जेल गए थे।