न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बांदा।जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम बांदा द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर आत्महत्या रोकथाम पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया इसका उद्घाटन महिला महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती दीपाली गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यशाला में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ0 रिजवाना हाशमी ने बताया कि आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की जाती है, जिसके लिए अवसाद, द्विध्रुवीय विकार, मनोभाजन, शराब की लत या मादक दवाओं का सेवनजैसे मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। साइट्रिक नर्स त्रिभुवन नाथ ने बताया कि तनाव के कारक जैसे वित्तीय कठिनाइयां या पारस्परिक संबंधों में परेशानियों की भी अक्सर एक भूमिका होती है। अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी नरेन्द्र मिश्रा ने बताया आत्महत्या एक अभिशाप की तरह पूरे समाज में फैल रहा है इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है । प्रातः उठकर योग प्राणायाम, परिवार के साथ समय बिताना शामिल है। कॉलेज की प्रवक्ता डॉ सबीहा रहमानी ने छात्राओं को बताया कि यदि आत्महत्या के विचार आते हैं तो अपने मन की बातें शेयर करें ,अच्छी नींद ले ,लोगों से घुले मिले, व म्यूजिक सुने। कार्यशाला में आरोग्य भारती के जिला संयोजक तरुण खरे ने छात्राओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की सलाह दी तथा सूक्तियां व उदाहरण के माध्यम से जागरूक किया। कार्यशाला में संदीप सामंत सिंह आदित्य प्रताप सिंह ने अपने विचार रखें। सहायक अशोक कुमार ने छात्राओं को पंपलेट बताकर जागरूक किया। प्राचार्या दीपाली गुप्ता ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया व पुनः ऐसे जागरूकता पूर्ण कार्यक्रम करने का आग्रह किया। कार्यशाला के पश्चात छात्राओं से प्रश्नोत्तरी कर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया।
मनोरोग चिकित्सक डॉ हरदयाल व श्री अनुपम त्रिपाठी द्वारा जेल विजिट की गई तथा मानसिक रोगियों का उपचार किया गया।