अंधे प्यार के चक्कर में पत्नी बनी हत्यारी: सात साल की बेटी के सामने पति को तड़पा-तड़पा के मारा

 

मथुरा के गोवर्धन थाना क्षेत्र के राधाकुंड इलाके से तीन माह पहले लापता हुए 38 वर्षीय नारायण का पुलिस को राजस्थान के कामां (डींग) के जंगल में पहाड़ियों के बीच शव मिला है। युवक की हत्या उसकी पत्नी ने अवैध संबंधों में बाधा बनने पर अपने प्रेमी व उसके रिश्तेदार के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को मंगलवार को जेल भेज दिया।

एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि नारायण निवासी जोशी मोहल्ला, राधाकुंड, गोवर्धन की पत्नी चंद्रवती ने 21 अगस्त 2023 को थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि नारायण 18 अगस्त  को घर से 80 हजार रुपये व मोपेड विक्की लेकर बिना बताए कहीं चले गए हैं और वापस नहीं लौटे हैं। पुलिस ने गुमशुदगी के आधार पर नारायण की तलाश शुरू की।

 

 

 

 

शुरुआती दौर में मामला पेचीदा होता चला गया और नारायण का कोई सुराग नहीं लगा। पिछले दिनों राधाकुंड चौकी पर शैलेंद्र शर्मा की तैनाती की गई। चौकी प्रभारी ने केस की स्टडी की। नारायण की मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड और लोकेशन निकलवाई गई। इसमें प्रकाश में आया कि 18 अगस्त 2023 को नारायण और उसकी पत्नी चंद्रवती की मोबाइल लोकेशन एक ही है। दोनों राजस्थान के कामां, डींग गए हैं। इनके साथ दो अन्य लोगों के मोबाइल की भी लोकेशन मिली।
पुलिस ने चंद्रवती की मोबाइल कॉल डिटेल निकलवाई। इसमें चंद्रवती और इसी के मोहल्ले के नवल सिंह उर्फ गुड्डन की लंबी बातचीत होने के सुराग मिले। पुलिस ने गहनता से तफ्तीश की तो पता लगा कि दोनों के प्रेम संबंध हैं, जिनमें नारायण बाधा बन रहा था। पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर चंद्रवती और नवल को सोमवार को हिरासत में लिया। कई घंटे की पूछताछ के बाद उन्होंने हत्या की बात कबूल की। नवल ने बताया कि हत्या को अंजाम देने में उसने अपने साढू के बेटे नारायण सिंह पुत्र शिवचरण सिंह निवासी सुंदरा, जनूथर, डींग को भी शामिल किया था।

 

 

 

 

नारायण को उसकी पत्नी 18 अगस्त को दवा दिलाने के बहाने कामां लेकर गई थी। वहां तीनों ने मिलकर नारायण की गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को कामां की पहाड़ियों से जंगल में फेंक दिया था। पूर्व योजना के तहत ही हत्या के बाद नारायण की गुमशुदगी उसकी पत्नी ने थाने में दर्ज कराई थी, जिससे की कोई उन पर शक न करे।
एसपी देहात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि नारायण की गला दबाकर हत्या के बाद शव को करीब 80 फुट ऊंची पहाड़ी से नीचे फेंका गया था। शव को जंगली जानवरों ने नोच खाया। पुलिस को अभियुक्तों की निशानदेही पर कंकाल मिला है। कंकाल का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा। मृतक के बेटे से डीएनए का मिलान किया जाएगा। गमछा भी घटनास्थल से बरामद हुआ है। वहीं, मृतक की बाइक अभियुक्तों के कब्जे से मुडसेरस, गोवर्धन से बरामद हुई है।

 

 

 

 

मृतक नारायण की पत्नी चंद्रवती ने बताया कि 18 अगस्त को वह अपनी बेटी, जो कि सात साल की थी। उसे अपने साथ ले गई थी। नारायण की हत्या नवल व उसके साथी के साथ मिलकर बेटी के सामने की थी। बेटी को डरा दिया था कि किसी को भी इस बारे में बताया तो उसकी भी हत्या कर दी जाएगी। मृतक का एक 11 साल का बेटा भी है। इधर, आरोपी नवल भी शादीशुदा है। उसके भी दो बच्चे हैं, पेशे से किसान व प्रॉपर्टी डीलर है। इस एक हत्या ने दो परिवारों को बर्बाद कर दिया। मृतक के दोनों बच्चे सड़क पर आ गए हैं। उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
सीओ राम मोहन शर्मा ने बताया कि इस खौफनाक वारदात को करने के बाद अपराधी निश्चित थे कि उन तक कभी कानून के हाथ नहीं पहुंच पाएंगे। मगर, चौकी प्रभारी राधाकुंड शैलेंद्र शर्मा ने इस वारदात में बहुत गहनता से तफ्तीश की। इसका परिणाम रहा कि अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। अपराधी पूछताछ के दौरान फूट-फूटकर रोए भी। खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर विनोद बाबू मिश्रा, एसआई यशपाल सिंह, सर्विलांस प्रभारी विकास शर्मा सहित 16 लोगों की टीम शामिल रही।

 

 

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.