बंद कमरों से बाहर आया भूसा गोवंश के पेट मे पहुंचा

 

 सुमेरपुर। ब्लाक की पंचायत में बनी गौशाला में संरक्षित गोवंश को पयार खिलाने जाने की खबर प्रकाशित होते ही बुधवार को सुबह से प्रधानों ने महीनों से ताले में बंद भूसे के दरवाजे खोलकर भूसा बेसहारा गोवंश तक पहुंचना शुरू कर दिया है। साथ ही धान की एकत्र पराली को जांच के भय से किनारे करना शुरू कर दिया है।
बुधवार को ब्लॉक की पंचायतों में संरक्षित बेसहारा गोवंश को भूसे की जगह पराली(पयार) खिलाने की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया था। खबर प्रकाशित होते हैं प्रशासनिक अधिकारियों की फटकार के बाद महीनों से बंद भूसा घरों को प्रधानों ने गोवंश के लिए खोल दिया है और भूसा खिलाते हुए लोकेशन सहित फोटो, वीडियो भेजकर अधिकारियों को सूचित कर रहे है। बंडा की सचिव अनामिका पांडेय ने बताया कि विगत दिनों गौशाला की तरवाड़ी को गोवंश  ने तोड़ दिया था। इससे कुछ किसानों को शायद परेशानी हुई थी। तारबाड़ी को ठीक कराकर गोवंश को संरक्षित कर दिया गया है और प्रतिदिन भूसा खिलाया जा रहा है। गौशाला के नोडल अधिकारी पशु चिकित्सा अधिकारी डा अंकुर सचान ने बताया कि सभी प्रधानों व पंचायत सचिवों को निर्देशित किया गया है कि वह सुबह शाम भूसा खिलाने का वीडियो लोकेशन सहित भेजें। इसके साथ वह खुद जांच करेंगे। अगर कहीं कमी पाई जाएगी तो कार्यवाही की जाएगी।
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