न्यूज़ वाणी
संवाददाता ओमप्रकाश गौतम
बांदा।मानव जीवन सदा से ही सन्त महापुरुषों के बिना निराधार रहा है। सतगुरु मानव को नाम दीक्षा का एक मजबूत आधार देकर, ध्यान भजन के द्वारा श्वाशो में परमात्मा का धुन (नाद) सुनाकर आत्मा का कल्याण करते है, जिसे कोई भी मानव संत्सग करके सन्त कृपा से जल्द ही परमात्मा से साक्षात्कार करके मानव जीवन को सफल बना सकता है क्योकि संत्सग में ही आत्मा के भला होने की कला मिलती है। संत्सग दो प्रकार का होता है – पहला- जो सन्त महापुरुष अपने घट मे जाकर प्रभु का नित्य नया नया पैगाम सुनकर बाहर के लोगों को सुनाते है। दूसरा- मानव अपने श्वाशो मे सन्तों के द्वारा दिये गये नाम का घर्षण करके प्रभु की वाणी सुनता है लेकिन बिना बाहरी संत्सग सुने कोई घट का संत्सग नहीं सुन पाता है। क्योकि संत्सग सुनने से कुसंग का नास हो जाता है इसलिये हर मानव को इस सुनहरे अवसर का सद्पयोग करके संत्सग में अवश्य जाना चाहिये। स्वामी जयगुरुवन्द जी महारान आश्रम छितौना जाल्हूपुर वाराणसी में आम जन मानस को बेसर विधि से जटिल से जटिल रोगो जैसे लकवा, ब्लड प्रेसर, सुगर, हार्ट, चिकनगुनिया, कब्ज, गैस, जोड़ों में दर्द, इत्यादि का निदान बतला रहे है। उपरोक्त रोगो से आप आश्रम पर आकर स्वामी जी से सलाह लेकर लाभ पा सकते है। अधिक जानकारी हेतु नीचे दिए गये नंबर पर संपर्क कर सकते है ।
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II साहेब सबका II