उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में डिजिटलाइजेशन की कवायद जोरों पर है। इसके तहत हर विद्यालय में दो-दो टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनके माध्यम से लखनऊ समेत सात जिलों में शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति समेत 12 रजिस्टर भी डिजिटल रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए गए। लेकिन विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार कई विद्यालयों ने अब तक टैबलेट को ऑन तक नहीं किया है।
शासन ने पिछले दिनों निर्देश दिया था कि लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव व श्रावस्ती में उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, स्टॉक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका, पुस्तकालय व खेलकूद पंजिका, आय-व्यय व चेक इश्यू पंजिका को भौतिक के साथ डिजिटल रूप से भी रियल टाइम अपडेट करना है।
इसके लिए विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराए गए। अब विभाग की ओर से इस डाटा का विश्लेषण करने पर पता चला कि जिन विद्यालयों को टैबलेट दिए गए हैं, उसमें कई जगह इन्हें ऑन तक नहीं किया गया है। पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन की प्रगति भी काफी कम है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसए को ऐसे शिक्षकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने स्कूलों को दिए टैबलेट के लिए सरकार से सिम देने की भी मांग की है। कहा कि कोई शिक्षक सरकारी काम के लिए अपनी आईडी पर सिम क्यों लेगा? कहा कि शिक्षकों को बिना 31 ईएल, दूसरे शनिवार का अवकाश, हाफ सीएल की सुविधा दिए बिना हम रियल टाइम उपस्थिति भी दर्ज नहीं कराएंगे।
शिक्षकों के एक से दूसरे जिले में तबादले के बाद उनके वेतन प्रमाण पत्र (एलपीसी) संबंधित जानकारी ट्रांसफर न होने पर वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है। विभाग ने निर्देश दिया है कि ई-मेल पर ऑफलाइन मिले अंतिम वेतन प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद पूर्व की प्रक्रिया के अनुसार शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जा सकता है, अधिकारी ऐसे ही कार्यवाही करें।
आईएएस अधिकारी कंचन वर्मा शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा का कार्यभार ग्रहण करेंगी। वह विजय किरन आनंद की जगह लेंगी। शासन ने विजय किरन को कुंभ मेला 2025 कराने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।