फतेहपुर। जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समित के संयुक्त तत्वाधान और नेहरू युवा संगठन टीसी के सहयोग से बाल विवाह रोकथाम जागरूकता गोष्ठी का आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू ने बताया कि पूरे देश में बाल विवाह के जो आंकड़े हैं उनमें 15ः बाल विवाह आज भी कराई जा रहे हैं। बाल विवाह के दुष्परिणामों को यदि हम देखें तो कम उम्र की लड़कियों की शादी होने से उनके शारीरिक बौद्धिक एवं आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है। जिससे एक स्वस्थ एवं विकसित समाज की स्थापना करने में रुकावट होती है। समिति के सदस्य रामकृष्ण पांडे ने बताया कि बहुतायत देखा जा रहा है की अशिक्षा एवं आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में माता-पिता अपने बच्चों की शादी कम उम्र में ही कर दे रहे हैं जिसका दुष्परिणाम बच्चों को पूरे जीवन को भुगतना पड़ता है। समिति की सदस्या अपर्णा पांडे ने बालिकाओं में बढ़ते अपराध एवं उनसे निपटने के तरीकों के बारे में उपस्थित लोगों को बताया की यदि 18 साल से कम के बच्चों को किसी तरह की परेशानी होती है तो वह बाल कल्याण समिति अथवा 1098 में अपनी समस्या दर्ज करा कर समाधान कर सकते हैं। गोष्ठी में विधि सह परिवीक्षा अधिकारी धीरेंद्र अवस्थी ने बाल विवाह के कानूनी परिपेक्ष को रखते हुए कहा कि जहां भी बाल विवाह हो रहा होगा और जितने लोग भी उसे विवाह से संबंध रख रहे होंगे सभी दंड के भागीदारी होंगे कानूनी प्रावधानों में 2 वर्ष की सजा तथा एक लाख जुर्माने का प्रावधान है।गोष्ठी में जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से मोहित कुमार, ऋषभ कुमार, अंकित दुवेदी, नेहरू युवा संगठन टीसी की समन्वक अनिता वर्मा, किशोरी बालिकाएं व उनके माता-पिता सहित विभाग के अन्य अधिकारी व सहयोगी उपस्थित रहे।