शादी की खुशिया मातम में बदली: हल्दी की रस्म के दौरान 16 फीट ऊंची दीवार अचानक गिरी; 6 की मौत

 

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी कोतवाली इलाके में हल्दी की रस्म के दौरान दीवार गिरने से दो बच्चे और चार महिलाओं की मौत हो गई। घटना का सबसे बड़ा कारण साढ़े तीन फीट की गली और जर्जर दीवार बनी।

करीब 50 की संख्या में महिला, बच्चे और अन्य लोग घर से कुछ दूर स्थित पोखरी पर जा रहे थे। इसी दौरान करीब 16 फीट ऊंची दीवार अचानक गिर गई। गली इतनी जर्जर थी कि दीवार गिरने के बाद लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और किसी को भी वहां से भागने का मौका तक न मिला।

 

 

 

20 फीट लंबी दीवार की दूरी में आने वाले लोग ज्यादा घायल और मृतक थे। उधर, हादसे के बाद दुल्हन के घर भी सन्नाटा छाया रहा। घायलों को अस्पताल ला रही एंबुलेंस के हूटर से घोसी कस्बा सहित राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर मऊ नगर दहल उठा। वाहन चालक जागरुकता दिखाते हुए हूटर बजाते चल रही एंबुलेंस को रास्ता देते रहे। जिला अस्पताल पहुंचने के बाद लोग सहायता देते दिखाई दिए।

घोसी कस्बा नगर के स्टेशन रोड निवासी बृजेश कुमार उर्फ मुन्ना का मोबिल के थोक विक्रेता है। बृजेश के छोटे बेटे बालेंदु की शादी नौ दिसंबर को है। इसे लेकर घर में तैयारियां अपने जोरों पर थी। जहां बारात जाने से पहले हल्दी की रस्म अदा करने को लेकर घर की महिलाएं मदा समसपुर स्थित पोखरी के पास धार्मिक स्थल पर जा रहे थे। जहां बृजेश कुमार अपने पुत्र और पत्नी ऊषा देवी व सात से आठ महिलाओं के साथ आगे निकल गए।

 

 

 

 

वहीं, पीछे से महिलाएं गीत गाते हुए आ रही थी। जहां दीवार गिरने से वह उसकी जद में आ गई। उधर, इस हादसे से पहले जहां जिस घर में शादी का माहौल था। बरात जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। वहीं, हादसे ने इस परिवार के साथ बलिया जहां बालेंदु का रिश्ता तय हुआ था। वह परिवार में हादसे के बाद मातम पसर गया।

घटना के बाद दोनों समुदाय के लोग हाथों से मलबे को हटाते रहे। आधा घंटे बाद जेसीबी से मलबा हटाना शुरू हुआ। उधर, घोसी की घटना के बाद जिला अस्पताल में सभी दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। मौके पर भाजपा नेता योगेंद्र नाथ राय, संतोष सिंह, घोसी के पूर्व ब्लाक प्रमुख सुजीत सिंह, घोसी विधायक सुधाकर सिंह, भाजपा जिला पंचायत सदस्य अखिलेश राजभर आदि पहुंचे थे। सभी ने घायलों व मृतक के परिजन का ढांढस बधाया।

 

 

 

घटना के बाद घायलों को जिला अस्पताल से लेकर कई अन्य अस्पताल ले जाने में एंबुलेंस कर्मियों की सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही। सेवा प्रदाता कंपनी की तरफ से भी एंबुलेंस को लगा दिया गया था। चालक और ईएमटी ने घायलों को अस्पताल लाने के बाद पूरी तत्परता से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। एक तरफ जहां पुलिस घटना की जानकारी लेती रही वही एंबुलेंस कर्मी मृ़तकाें को भी मर्चरी हाउस ले जाते दिखे।

 

 

 

 

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