खागा, फतेहपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए बच्चों की बेहतर शिक्षा हेतु विकसित राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा- 2022 की अनुशंसा के आधार पर आंगनबाड़ी व परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के समग्र विकास की प्रगति को दर्ज करने के लिए एक बहुआयामी प्रगति पत्र का विकास राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ द्वारा किया गया है। जिला समन्वयक, प्रशिक्षण अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस समग्र प्रगति पत्र के बारे में सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एससीईआरटी द्वारा जनपद से एक डायट प्रवक्ता एवं चार एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। जनपद फतेहपुर से डायट प्रवक्ता राजेंद्र कुमार निर्मल तथा एआरपी डॉक्टर अंबिका प्रसाद मिश्र, विष्णु प्रकाश मिश्र, आशीष कुमार त्रिपाठी एवं हनुमंत प्रताप सिंह को संदर्भ दाता के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। जिनके द्वारा जनपद के समस्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को इस हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। वही डायट प्रवक्ता राजेंद्र कुमार ने बताया कि यह प्रगति पत्र 6 पेज का होगा। जिसमें बच्चों के विषयवार उपलब्धि के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामों पर भी प्रगति को दर्ज किया जाएगा। इस प्रगति पत्र में छात्र को कहीं भी कोई अंक नहीं दिया जाएगा बल्कि संज्ञानात्मक पक्ष के प्रत्येक लर्निंग आउटकम के सापेक्ष प्रगति को स्टार के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रगति पत्र में बच्चों की प्रगति को वर्ष में दो बार सितंबर एवं फरवरी माह में इंगित किया जाएगा। वही एआरपी डॉ अम्बिका प्रसाद मिश्र ने बताया कि कक्षा-कक्ष प्रक्रिया, गतिविधि समूह कार्य, व्यक्तिगत कार्य,लिखित कार्य, मौखिक कार्य, नियमित टेस्ट आदि के दौरान बच्चों के प्रदर्शन तथा शिक्षकों के अवलोकन के आधार पर विभिन्न लर्निंग आउटकम पर प्रगति को दर्ज किया जाएगा। इस प्रगति पत्र की एक खास बात यह है कि इसमें बच्चों के द्वारा स्व-आकलन को भी स्थान दिया गया है। साथ ही साथ बच्चों के अभिभावक भी स्वयं के लिए निर्धारित मानकों पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकेंगे। इस प्रगति पत्र को अभिभावकों के साथ वर्ष में दो बार अक्टूबर और मार्च माह में साझा किया जाएगा।