लखनऊ में अफसर की बेटी से चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। आरोपियों की नीयत भांप कर युवती ने अपनी एक सहेली को कॉल की थी। यही नहीं उसने व्हाट्सएप पर उसे अपनी लोकेशन भी भेजी थी। पर, उस सहेली ने न तो पुलिस को इसकी जानकारी दी और न ही युवती के परिवारीजनों को बताया।
सहेली ने ऐसा क्यों किया, पुलिस इसकी जांच कर रही है। महिला सिपाहियों की एक टीम उसके यहां पूछताछ के लिए भेजी जाएगी। एडीसीपी सीएन सिन्हा ने बताया कि पीड़िता की सहेली ने कॉल रिसीव करने और लोकेशन मिलने के बाद भी पुलिस या परिवारीजनों को सूचना क्यों नहीं दी, तफ्तीश में इसका पता लगाना बेहद जरूरी है।
उससे पूछताछ के लिए महिला सिपाहियों की टीम गठित कर दी गई है। वहीं, डीसीपी पश्चिम राहुल राज का कहना है कि पुलिस की पूरी कोशिश है कि 72 घंटे के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो जाए। केस की सुनवाई एफटीसी में हो, इसके लिए जिला जज को पत्र भेजा जाएगा। एफटीसी में सुनवाई होने से दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाई जा सकेगी।
डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि आरोपी सत्यम, सुहैल और असलम ने साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता के मोबाइल फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो गई थी। उसने केजीएमयू के मनोचिकित्सा विभाग के सामने चाय की दुकान पर काम करने वाले सत्यम को यह समस्या बताई तो उसने सामने खड़ी एंबुलेंस में मोबाइल चार्जिंग पर लगवा दिया। मोबाइल फोन चार्जिंग पर लगाने के बाद आरोपियों ने साजिशन एंबुलेंस को वहां से हटवा दिया था।