विनायक ग्रुप के मालिक और उनके पार्टनर सपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी की मुश्किलें अब प्रवर्तन निदेशालय (ई्रडी) ने बढ़ा दी है। आयकर विभाग की छापेमारी के बाद एफआईआर को प्रवर्तन निदेशालय ने आधार बनाकर कार्रवाई की है। ईडी ने वाराणसी के बड़े रियल एस्टेट कारोबारी विनायक ग्रुप के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। साथ ही विनायक ग्रुपों के खातों से लेन-देन बंद करवा दिया है। अब ईडी 200 करोड़ की टैक्स चोरी समेत कई पहलुओं पर सभी डायरेक्टर को नोटिस जारी कर पूछताछ करेगी।
वाराणसी के बड़े रियल एस्टेट कारोबारी विनायक ग्रुप के खिलाफ आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कस लिया है। 14 दिसंबर को रियल एस्टेट कारोबारी विनायक ग्रुप के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ई्रडी) ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी की जांच के दायरे में विनायक ग्रुप के पार्टनर एवं समाजवादी पार्टी, महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी भी हैं, जिन पर हवाला के जरिए रुपयों के हेरफेर का आरोप है।
ईडी की कार्रवाई का आधार देखे तो आयकर विभाग की कार्रवाई है। आयकर ने बीते 8 अक्टूबर में विनायक ग्रुप के वाराणसी, मध्य प्रदेश और अबू आजमी के मुंबई-लखनऊ के ठिकानों को खंगाला था। जिसमें बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग अंजाम देने और बेनामी संपत्तियों को खरीदने के प्रमाण मिले थे। साथ ही, तमाम राजनेताओं की काली कमाई खपाने के सुराग भी मिले थे।
200 करोड़ की टैक्स चोरी के पुख्ता सुराग
जांच में सामने आया था कि तमाम नेताओं ने नोटबंदी के दौरान अपनी काली कमाई को वाराणसी और मुंबई के रियल एस्टेट में खपाने के लिए अबू आजमी और उसके करीबियों की मदद ली थी। दोनों शहरों में संपत्तियों की कीमतों में होने वाली बेतहाशा वृद्धि इसकी वजह थी। वहीं, लखनऊ में होटल व्यवसाय और कृषि भूमि में निवेश हुआ था। जांच में 200 करोड़ रुपए से अधिक टैक्स चोरी के पुख्ता सुराग हाथ लगे थे।
ईडी के अधिकारी जल्द ही विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आभा गणेश कुमार गुप्ता, विमला दिलखुश, सर्वेश कुमार अग्रवाल के साथ प्रमोटर और साझीदारों को भी नोटिस देगा, जिसमें उनसे बीते दस वर्षों में खरीदी गयी चल-अचल संपत्तियों और बैंक खातों से जुड़ी जानकारी मांगी जाएगी। उनको सम्मन भेजकर ईडी कार्यालय में तलब करके पूछताछ की जाएगी।
40 घंटे की कार्रवाई में जब्त की अरबों की संपत्ति
8 अक्टूबर को अबू आजमी के देशभर के ठिकानों पर इनकम टैक्स की टीम ने कार्रवाई की थी। बनारस में 40 घंटे कार्रवाई में वाराणसी में वरुणा गार्डेन, बाबतपुर एयरपोर्ट रोड और हरहुआ में इनकी बेनामी संपत्तियां मिली हैं। वाराणसी में करीब 200 करोड़ की टैक्स चोरी भी सामने आई है। देशभर में आजमी और उनके करीबियों के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई। इसके बाद आयकर विभाग के नोटिस पर वीडीए अधिकारी ने विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ वाराणसी में दर्ज करायी।
300 करोड़ की संपत्तियां खरीदी, 200 करोड़ का हिसाब अधूरा
इनकम टैक्स के अधिकारियों के अनुसार, जांच में सामने आया कि विनायक ग्रुप ने वाराणसी में कई शॉपिंग सेंटर, मॉल और बहुमंजिला आवासीय भवनों का निर्माण किया है। विनायक निर्माण कंपनी के कार्यालय में जांच के दौरान बाबतपुर और वजीरपुर में 4 एकड़ से अधिक जमीन मिली।
मलदहिया, पिपलानी कटरा, सेंट्रल जेल रोड आदि क्षेत्रों में आवासीय और व्यवसायिक बहुमंजिला इमारतों से जुड़े दस्तावेजों की जांच में भी तमाम गड़बड़ियां मिली हैं। इसके अलावा विभिन्न मदों के जरिए 300 करोड़ की संपत्तियां खरीदी गई। खरीद के बाद ब्रिकी में भी 200 करोड़ का हिसाब अधूरा है, जिसमें टैक्स नहीं भरा गया।
FIR के साथ संपत्तियां भी की थीं जब्त
आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप की कई संपत्तियों को जब्त किया था। साथ ही, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने विनायक ग्रुप के संचालकों के खिलाफ वरुणा गार्डन के 42 फ्लैट्स का फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र बनाने का मुकदमा भी दर्ज कराया था। शिवपुर में वरुणा गार्डेन के 42 फ्लैट और विनायक प्लाजा के दो फ्लोर सीज किए थे।
आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप के ठिकानों पर पिछले साल दिसंबर में भी छापा मारा था। इसमें 200 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था। विनायक ग्रुप की भोपाल, ठाणे और वाराणसी की 13 संपत्तियों को जब्त किया था। जांच में अबू आजमी और विनायक ग्रुप की यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में करीब 100 संपत्तियों का पता चला है। इनमें से तमाम संपत्तियां बेनामी होने की आशंका है। इन संपत्तियों के निर्माण के बाद किसी को बेचा नहीं गया है। इसके बावजूद ग्रुप ने करोड़ों की जमीन खरीदी, जिससे साफ जाहिर है कि किसी उद्यमी ने अपना अरबों रुपये विनायक ग्रुप में लगाया।
18 अक्तूबर को दर्ज कराया था केस
आयकर विभाग के छापे के बाद बीते 18 अक्तूबर को कैंट थाने में वीडीए के जोनल अधिकारी प्रकाश कुमार की तहरीर के आधार पर विनायक ग्रुप के अज्ञात कर्मचारीगण के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। वीडीए के अधिकारी का आरोप है कि विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड का वरुणा गार्डेन परियोजना का पूर्णता प्रमाण पत्र फर्जी है। अधिकारी के अनुसार विनायक ग्रुप ने पूर्णता प्रमाण पत्र छह फरवरी 2012 को वाराणसी विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव द्वारा जारी दिखाया है।
जांच में यह सामने आया कि पूर्णता प्रमाण पत्र से संबंधित कोई पत्रावली वीडीए में नहीं है। विनायक ग्रुप द्वारा वरुणा गार्डेन परियोजना का फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र दिखाकर आयकर अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत कटौतियां प्राप्त की गईं। इससे केंद्र सरकार को भारी राजस्व की क्षति हुई।
वीडीए के जोनल अधिकारी ने नहीं दी जानकारी
कैंट थाने के इंस्पेक्टर (अपराध) प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि मौजूदा समय में मुकदमे की विवेचना कर रहे हैं। उनसे पहले विवेचना एक सब इंस्पेक्टर के पास थी। सब इंस्पेक्टर और उन्होंने वादी को पत्र भेज कर मुकदमे के आरोपियों से संबंधित पूरा विवरण और उपलब्ध साक्ष्य देने के लिए कहा, लेकिन जवाब नहीं मिला। वीडीए के जोनल अधिकारी प्रकाश कुमार से दो विवेचक लिखित में विवरण और साक्ष्य मांग चुके हैं। मगर, वीडीए के जोनल अधिकारी अब तक उपलब्ध नहीं करा सके।
कोलकाता के पते पर बोगस कंपनियां भी शामिल
अबू आसिम आजमी ने कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों के पतों पर बोगस कंपनियों के नाम से करोड़ों रुपए की संपत्तियां खरीदी हैं। इसके अलावा बनारस और आजमगढ़ के पतों पर भी कंपनियां बनाकर भागीदारी दी गई। वरुणा गार्डेन की बिक्री और रजिस्ट्री में भी खामियां मिली। सपा नेता अबू आसिम आजमी के करीबी बिल्डर साथियों की सूची इनकम टैक्स अधिकारियों के हाथ लगी है। पूरी जानकारी जुटाने के साथ टीम गठित होगी और एक साथ छापा मारा जाएगा।
160 करोड़ के हेरफेर की FIR के बाद शुरू हुई जांच
वाराणसी ही नहीं, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में छापेमारी 160 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी को लेकर जांच की गई। इस मामले में अबू आसिम आजमी को समन भेजा गया था। इनकम टैक्स की टीम ने विनायक ग्रुप पर उन 160 करोड़ रुपयों का विवरण मांगा। जांच में पता चला कि विनायक ग्रुप ने कथित तौर पर प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अन-अकाउंटेड पैसे को अबू आसिम आजमी को ट्रांसफर किया था। जोकि 40 करोड़ रुपए के आस- पास है। विनायक ग्रुप पर दर्ज एक FIR के आधार पर यह जांच चल रही है।
अबू आजमी के साथ बनारस में कई पार्टनर
बाबतपुर एयरपोर्ट के पास जमीन पर शहर का सबसे बड़ा आवासीय प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी है। यह जमीन भी तीन से चार लोगों के नाम से खरीदी गई है। बिल्डर गणेश गुप्ता, सर्वेश अग्रवाल, मुंबई के एक और बिल्डर ने विनायक प्लाजा प्रोजेक्ट बनाया है। रियल इस्टेट कारोबारी गणेश गुप्ता, साड़ी कारोबारी सर्वेश अग्रवाल के साथ मिलकर अबू आजमी ने 2007 में पहला प्रोजेक्ट शिवपुर के वरूणा गार्डेंन के नाम से शुरू किया था।
वर्ष 2012-13 में अबू आजमी ने शहर के बीच मलदहिया चौराहे पर विनायक प्लाजा प्रोजेक्ट शुरू कराया। इसमें बिल्डर गणेश गुप्ता, सर्वेश अग्रवाल, मुंबई के एक अन्य बिल्डर ने काम किया। विनायक प्लाजा में अबू आजमी का पैसा लगा है। मगर, कहीं भी लिखा-पढ़ी में नाम सामने नहीं आया।
बिल्डर गणेश गुप्ता का कोरोना काल में हुआ निधन
बिल्डर गणेश गुप्ता का तीन वर्ष पहले निधन हो चुका है। अब विनायक ग्रुप में गणेश गुप्ता की पत्नी आभा गुप्ता व सर्वेश अग्रवाल साझेदार हैं। दशाश्वमेध क्षेत्र के पक्के महाल के रहने वाले स्वर्गीय गणेश गुप्ता और अबू आजमी में पुरानी दोस्ती थी। इसके बाद ही गणेश मुंबई में रहने लगे थे।
गणेश मुंबई में जाकर रियल इस्टेट कारोबार से जुड़े थे। बाद में उन्होंने अपनी करोड़ों की पैत्तृक संपत्ति को दान कर दी थी। 30 अगस्त 2019 को गणेश गुप्ता का बीमारी के चलते मुंबई में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद वाराणसी का कारोबार और मलदहिया का विनायक प्लाजा उनका भरोसेमंद संभालता है। गणेश की पत्नी आभा गुप्ता और बच्चे मुंबई में ही रहते हैं।