इंदौर के रावजी बाजार में 7 साल की एक बच्ची रविवार सुबह लापता हो गई। बच्ची के परिजनों ने उसे काफी ढूंढा लेकिन वह नहीं मिली। बाद में परिजन थाने पहुंचे। पुलिस को मामले की जानकारी दी। एसीपी ने तुरंत टीम बनाई। फुटेज तलाशे तो समूह लोन चलाने वाली महिला वहां से बच्ची को ले जाते दिखी। इसके बाद सीसीटीवी तलाशे और उसकी लोकेशन ट्रेस कर थाने लाया गया। सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि बच्ची के हाथ पैर बांधकर उसे कमरे में बंद किया है। बाद में पुलिस ने बच्ची को छुड़ाकर परिवार के सुपुर्द कर दिया। घटना रावजी बाजार थाना क्षेत्र के साउथ तोड़ा की है।
इस मामले में पुलिस ने ज्योति कुराड़िया नाम की महिला को गिरफ्तार कर बच्ची को उसके घर से बरामद किया। दरअसल पूरी साजिश समूह लोन ना चुकाने को लेकर रची गई। एसीपी देवेन्द्र धुर्वे की बनाई टीम ने बड़ी मुस्तैदी कुछ ही घंटों में बच्ची को ढूंढ़ निकाला।
समूह लोन संचालित करने वाली ज्योति ने बच्ची की मां को 75 हजार का दो अलग-अलग समूह से लोन करवाया था। ऋण न चुकाने पर लगातार दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही थी। ज्योति को लगा कि वह किसी बच्ची का अपहरण करके फिरौती मांगेगी तो लोन चुका देगी। इसके बाद ज्योति ने 7 साल की बच्ची के अपहरण की योजना बनाई। और मौका देखकर उसका अपहरण कर लिया।
बच्ची को लगातार परिवार के लोग ढूंढ रहे थे। एसीपी देवेन्द्र धुर्वे ने जो टीम बनाई। उसमें बच्ची को एक महिला ले जाती दिखी। जब परिवार को यह फुटेज दिखाए गए तो बच्ची के परिजनों ने कपड़ों से ज्योति नाम की महिला की पहचान की। इसके बाद उसके घर तक टीमें पहुंची। उसे पकड़कर थाने लेकर आ गई। कुछ ही देर में सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बच्ची का अपहरण करना कबूल कर लिया।
ज्योति ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह काफी समय से लोन की किश्तें नहीं चुकाने को लेकर परेशान हो रही थी। उसने बच्ची की मां को कई बार कहा कि उसे लोन वाले परेशान कर रहे है। फिर उसने बच्ची के अपहरण का प्लान बनाया और चार गुना रकम वसूलने की सोची। वह बच्ची के अपहरण के बाद 4 लाख रुपए की फिरौती मांगने का षडयंत्र रच रही थी।