संविधान में अल्पसंख्यक होने का आधार धर्म और भाषा को माना गया है:- अकबर नबी इदरीसी

 

न्यूज वाणी ब्यूरो

 

नूरपुर। उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया और समाजवादी आंदोलन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकबर नबी इदरीसी ने बताया की अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसंबर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
भारत के संविधान में अल्पसंख्यक होने का आधार धर्म और भाषा को माना गया है। भारत की कुल जनसंख्या का अनुमानत 19 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों का है। इसमें मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। जैन, बहाई और यहूदी अल्पसंख्यक तो हैं, लेकिन इन्हें संबंधित संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
भारत सरकार ने अल्पसंख्यक अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1978 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया था। इसे बाद में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम-1992 के तहत कानून के रूप में 1992 में पारित किया गया।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को वर्ष 2006 जनवरी में यूपीए सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन कर दिय। इसे वे सारे संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं, जो दीवानी अदालतों को हैं। इस आयोग का गठन भारत के लिए इसलिए भी महत्व रखता है, क्योंकि पूरे यूरोप के किसी भी राष्ट्र में ऐसा कोई आयोग नहीं है। आज भारत के कई अन्य राज्यों में भी राज्य अल्पसंख्यक आयोग हैं किसी भी देश में अल्पसंख्यकों का उनके हकों का हनन नहीं होना चाहिए और उनके हकों को परसेंट के मुताबिक उन्हें हक मिलना चाहिए उपस्थित गण अकबर नबी इदरीसी राष्ट्रीय अध्यक्ष, रईसुद्दीन मंसूरी पूर्व सभासद, साजिद हुसैन इदरीसी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, मोहम्मद रफी मिकरानी प्रदेश कोषाध्यक्ष, डॉ वसीम सिद्दीकी युवा प्रदेश अध्यक्ष, धर्मवीर सिंह दिवाकर नगीना लोकसभा प्रत्याशी, अमजद अली मंसूरी कार्यकारिणी सदस्य, नवाब मलिक राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, सलीम अहमद इदरीसी प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य वार्ड नंबर 5 आदि मौजूद रहे।

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