कानपुर में प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने फँसी लगाकर की आत्महत्या: अधूरा छोड़ गई ये काम

 

कानपुर जिले में आईआईटी कानपुर में प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने जान दे दी। उन्हें चार महीने पहले ही इस पद पर तैनाती मिली थी। तीन दिन पहले ही कैंपस आवास में शिफ्ट हुई थी। जान क्यों दी इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है।

उड़ीसा से कानपुर आकर आईआईटी कानपुर में प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर काम करने वाली युवती ने कैंपस के अपने आवास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाकर छानबीन की। पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए हैं। पुलिस ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

 

आईआईटी कानपुर में बीएसबीई डिपार्टमेंट में प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर तैनात पल्लवी चिल्का (34) उड़ीसा के कटक सीडीए सेक्टर की रहने वाली है। तीन दिन पहले ही वह आईआईटी कैंपस में स्थित आरए टॉवर के दूसरे तल पर स्थित आवास में रहने के लिए शिफ्ट हुई थी।
मंगलवार को सफाई कर्मी ने कमरा साफ करने के लिए उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन वह नहीं खुला। काफी देर तक दरवाजा न खुलने पर कर्मी ने जब दरवाजे के ऊपर के शीशे से झांककर देखा तो उनका शव छत पर लगे पंखे से रस्सी के सहारे लटका हुआ था।

 

 

 

 

घटना की सूचना छात्रावास अधीक्षक अतीकुर रहमान ने आईआईटी प्रशासन और पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन में जुटी रही। पुलिस का कहना है कि छानबीन में डिप्रेशन के कारण आत्महत्या की बात सामने आ रही है। कहा कि बुधवार दोपहर बाद जब परिजन पहुंचेंगे, उसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
बता दें, पल्लवी को एक अगस्त 2023 को आईआईटी कानपुर के प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर तैनाती मिली थी। कल्याणपुर थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया की पल्लवी ने तीन दिन पहले ही आईआईटी कैंपस में बने आरए टावर में रहने आई थी। इसके पहले पल्लवी कैंपस के बाहर किराए के मकान में रहती थी।

 

 

 

आईआईटी कानपुर में आत्महत्या करने वाली शोध स्टाफ सदस्य डॉ. पल्लवी चिल्का के निधन पर प्रशासन ने शोक व्यक्त किया है। डॉ. पल्लवी बायोइंजीनियरिंग विभाग में एक शोध स्टाफ सदस्य थीं। वह अपने पोस्ट डॉक्टरल शोध को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान में शामिल हुईं थीं। आईआईटी प्रशासन ने बताया पुलिस की एक फोरेंसिक टीम ने मौत के कारण की जांच करने के लिए परिसर का दौरा किया है।
उधर, आईआईटी में इससे पहले भी आत्महत्या की घटनाएं हो चुकी हैं। पीएचडी छात्र, प्रोफेसर तो सिक्योरिटी गार्ड भी जान दे चुके हैं। यही नहीं 2021 में अस्सिटेंट रजिस्टार सुरजीत दास ने भी फंदा लगाकर जान दे दी थी।

 

 

 

19 अप्रैल 2018 – फिरोजाबाद निवासी पीएचडी छात्र भीम सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।
30 दिसंबर 2019 – संस्थान में सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।
09 जुलाई 2020 – आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।
12 मई 2021 – संस्थान में असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।
07 सितंबर 2022 – वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।

 

 

 

 

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