गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना इलाके में महिला ने तीन साल की मासूम बेटी को जहरीला पदार्थ पिलाकर खुद भी जान देने की कोशिश की। उपचार के दौरान देर रात बच्ची की मौत हो गई। जबकि महिला की हालत स्थिर बनी हुई है। पुलिस का कहना है कि इस संबंध में कोई तहरीर नहीं मिली है। महिला से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना के पीछे वजह गृहक्लेश बताई जा रही है।
मूलरूप से बिहार के नवादा के रहने वाले सत्येंद्र करीब छह सालों से लोनी के संगम बिहार कॉलोनी में रहते हैं। उनकी पड़ोस में लोहे के पार्ट्स बनाने की फैक्टरी है। परिवार में पत्नी आशा देवी, बेटा हर्ष (5), बेटी रोशनी (3) हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को वह अपनी फैक्टरी में काम कर रहे थे।
उनका बेटा घर के बाहर खेल रहा था। शाम के समय फैक्टरी में काम करने वाले कारीगरों के लिए चाय लेने के लिए बेटे को घर भेजा। हर्ष ने मकान की दूसरी मंजिल पर जाकर देखा तो मां और छोटी बहन जमीन पर बेसुध पड़े थे। हर्ष ने फैक्टरी जाकर पिता को जानकारी दी। उन्होंने फैक्टरी के कर्मचारियों की मदद से मां-बेटी को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां से बच्ची को जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया। देर रात डॉक्टरों ने रोशनी को मृत घोषित कर दिया, जबकि आशा देवी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।