मुरादाबाद में पहले भाजपा ने चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश की कमान सौंपकर जाट मतदाताओं को साधने की कोशिश की। अब बड़े चौधरी के सहारे जाट मतदाताओं को और पुख्ता करने की तैयारी है। 23 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ बिलारी से सपा के गढ़ में चौधराहट की सियासत को धार देंगे, ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल में 2014 का प्रदर्शन दोहराया जा सके।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा गठबंधन ने प्रदेश की 80 में 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसमें मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें भी शामिल थीं। लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा गठबंधन की सीटें घटकर 64 हो गई। भाजपा को 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
सपा के गढ़ कहे जाने वाले मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटों पर भाजपा को शिकस्त मिली थी। सपा-बसपा गठबंधन ने छह सीटें जीतकर कब्जा किया था। दोनों दलों ने तीन-तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को मंडल की 27 में 17 सीटें हार गई थी।
सियासी उतार चढ़ाव और इंडिया गठबंधन को देखते भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में मंडल में 2014 के प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। इसके लिए पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। भाजपा ने पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं को रिझाने के लिए करीब दो साल मुरादाबाद से ताल्लुक रखने वाले चौधरी भूपेंद्र सिंह को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।