उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिन यूपी के बड़े अफसरों के साथ कानून-व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने जनता की शिकायतों की सुनवाई के लिए बनाए गए (इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम) की कंप्लेंट को गंभीरता से नहीं लेने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
इसके बाद (इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम) पोर्टल की समीक्षा के बाद लापरवाही बरतने वाले करीब आधा दर्जन अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया है. कानपुर नगर की नरवल तहसील में शिकायतकर्ता की फाइल गायब होने के मामले में 8 महीने बाद भी एडीएम ने पेशकार अनुज त्रिपाठी पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिस पर एडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
वहीं, सुल्तानपुर के भदरिया ब्लॉक में प्रधान सचिव पर घूस नहीं देने के कारण प्रधानमंत्री आवास की पहली किस्त नहीं जारी करने की शिकायत पर ग्राम विकास अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई. इसके बाद भी खंड विकास अधिकारी ने मामले को मांग श्रेणी में फ्लैग करके शिकायत क्लोज कर दी. जिसके बाद शिकायतकर्ता फीडबैक तक नहीं दे पाया. इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित खंड विकास अधिकारी को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही कुशीनगर में ग्राम पंचायत की सड़क को अधूरा छोड़ने की शिकायत के निस्तारण में खंड विकास अधिकारी के द्वारा बरती गई लापरवाही के चलते उनको नोटिस जारी किया गया है. सुल्तानपुर के हंसापुर गांव में ग्राम सभा की जमीन पर लगे पेड़ों को काटने की शिकायत पर लापरवाही बरती गई, जिस पर सुल्तानपुर.
इसी तरह हरदोई के खाद्य सुरक्षा अधिकारी एएस गंगवार को भी लापरवाही बरतने पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, सीतापुर में नाली निर्माण और सफाई के मामले में सीतापुर के अधिशासी वैभव त्रिपाठी और नगर पालिका बीसवां के अधिशासी अधिकारी विजयपाल सिंह को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा आइजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. समीक्षा के बाद लगातार लापरवाही करने वाले अफसरो के खिलाफ सस्पेंशन और विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले भी ऐसी कार्रवाई की जाती रही है. सीएम योगी समीक्षा बैठक में काम-काज की जानकारी लेते रहते हैं.