आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर और स्टूडेंट वेलफेयर के डीन के पद पर तैनात समीर खांडेकर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. प्रो. खांडेकर जब मंच पर स्पीच दे रहे थे तो तभी उन्हें हार्ट अटैक आ गया. कुछ देर तक तो लोग समझ नहीं पाए लेकिन उसके बाद उन्हें आनन-फानन में कार्डियोलॉजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
प्रोफेसर खांडेकर शुक्रवार को आईआईटी के ऑडिटोरियम में एलुमनाई मीट के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे और अच्छी सेहत के विषय में बात कर रहे थे. उनके आखिरी शब्द थे कि अपनी सेहत का ध्यान रखो और यह कहते ही उन्हें अचानक दर्द हुआ और कुछ देर बाद वह बैठ गए. लोगों को लगा वह भावुक हो रहे हैं कोई कुछ समझ नहीं पाया. उनका चेहरा पसीना-पसीना हो गया और प्रोफेसर वहीं बेहोश हो गए.
कार्डियोलॉजी अस्पताल के डॉ. नीरज कुमार ने ‘आजतक’ से बातचीत करते हुए बताया कि जब मरीज को यहां लाया गया तो तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.उनके चिकित्सीय इतिहास को देखने और शरीर की जांच करने के बाद हम कह सकते हैं कि उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट या कार्डियक ब्लॉक के कारण हुई.पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सारी बातें साफ हो जाएंगी.
उनका बेटा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पड़ता है.प्रोफेसर खांडेकर के करीबी लोगों का कहना है कि बेटे के आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.प्रोफेसर समीर खांडेकर की उम्र 55 साल थी, परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और एक बेटा है. उनका जन्म जबलपुर में हुआ, आईआईटी कानपुर से ही बीटेक किया है जिसके बाद में जर्मनी पीएचडी करने गए.
2004 में उन्होंने आईटी कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया जिसके बाद वह एसोसिएट प्रोफेसर फिर मैकेनिकल डिपार्टमेंट के विभाग अध्यक्ष और फिर स्टूडेंट वेलफेयर डीन बने. उनके नाम पर 8 पेटेंट भी है. जानकारी के मुताबिक 2019 में प्रोफेसर को कोलेस्ट्रॉल की बीमारी हुई थी जिसके बाद उनकी लगातार दवाई चल रही थी. फिलहाल प्रोफेसर की मौत से पूरा आईआईटी कानपुर मैनेजमेंट स्तब्ध है.