न्यूज वाणी ब्यूरो
हसरत पवार
हापुड़ । भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करते हुए रंगे हाथों से पकड़ने के लिए लोग वीडियो बना लेते हैं। जिससे आरोपी बाद में मना न कर दे। लेकिन जनपद हापुड़ में एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां एक सरकारी डॉक्टर की सरकारी अधिकारियों ने ही निजी प्रैक्टिस करते हुए वीडियो बना ली है। लेकिन यह वीडियो उन्होंने अधिकारियों के आदेश पर बनाई है। जी हां पूरा मामला जनपद हापुड़ का है। जनपद हापुड़ के जिला चिकित्सालय में तैनात अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूपाली गुप्ता को डीएम प्रेरणा शर्मा द्वारा गठित टीम ने नोएडा में निजी प्रैक्टिस करते हुए रंगे हाथों पकड़ा। टीम के सदस्य ने डॉक्टर रूपाली शर्मा के निजी क्लीनिक पर ₹600 जमा कराकर परामर्श लिया। जिसकी टीम के दूसरे सदस्य ने एक वीडियो भी बना ली। इस पूरे मामले में सीएमओ सुनील त्यागी ने बताया कि जिला अस्पताल में तैनात अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूपाली गुप्ता के खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी। वह जिला चिकित्सालय में मरीजों से ठीक व्यवहार नहीं करती हैं। और इसके साथ ही सरकारी ड्यूटी पर भी ध्यान नहीं दे रही है। इसके साथ ही डॉक्टर रूपाली गुप्ता अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम दिव्यांग बोर्ड व मुख्यमंत्री जी की वीआईपी ड्यूटी महिला चिकित्सक मेडिकल संबंधी कार्य भी नहीं करती हैं। और संयुक्त चिकित्सालय हापुड़ में मेजर ऑपरेशन भी नहीं करती हैं। इस पूरे मामले पर 22 दिसंबर को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह पूरा मामला रखा गया। जिसमें जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में 23 दिसंबर को एक टीम का गठन किया गया। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा डॉक्टर प्रवीण शर्मा अपर चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर वेद प्रकाश अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ बाल रोग विशेषज्ञ जिला संयुक्त चिकित्सालय हापुड़ की एक टीम गठित की गई। टीम शनिवार की शाम लगभग 6:30 बजे डॉक्टर रूपाली गुप्ता ऑर्थोपेडिक सर्जन जिला संयुक्त चिकित्सालय के नोएडा स्थित निजी क्लीनिक पर गई। डॉक्टर रूपाली गुप्ता निजी क्लीनिक पर मौजूद थी। वहां पर रिसेप्शनिस्ट भी बाहर मौजूद थी। 600 रुपए जमा कर टीम के सदस्य ने अपने आप को परामर्श के लिए दिखाया और एक अन्य टीम के सदस्य ने इस पूरे मामले की वीडियो बना ली। सीएमओ ने बताया कि उनके द्वारा लगातार सरकारी ड्यूटी में रुचि नहीं ली जा रही है। तथा यह प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त है। सीएमओ का कहना है कि डॉ रुपाली के खिलाफ जिलाधिकारी व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं लखनऊ को सूचना भेज दी गई है। इसके साथ ही सीएमओ ने यह भी बताया की अन्य कोई भी सरकारी चिकित्सक अगर निजी प्रैक्टिस करते हुए पाया जाता है। तो उसके खिलाफ भी विभागीय सख्त कार्रवाई की जाएगी।