न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बांदा। खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि वह नदियों का अस्तित्व खत्म करने में ही आमादा हो गए हैं जहां एक तरफ पोकलैंड मशीन लगाकर बीच नदी से नदी की जलधारा को प्रभावित करके बालू निकाली जा रही है वही दूसरी तरफ एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर बालू का अवैध खनन किया जा रहा है।
अब इसके अलावा खनन माफिया नदी को खत्म करने में ही उतारू हो गए हैं बीच नदी में पुल बनाकर ट्रैकों और ट्रैक्टरों को बीच नदी से बालू भराकर निकासी करा रहे है जिससे कि हजारों प्रजातियों के जलीय जीव खत्म हो रहे है नदी का अस्तित्व खत्म हो रहा है सो अलग।
बता दें कि अवैध खनन के लिए नदी में पुल बनाने का मामला प्रकाश में आया है।
अतर्रा तहसील क्षेत्र के महुटा गांव में एक मौरंग की खदान का पट्टा किया गया है। जहां खनन के नाम पर ठेकेदार द्वारा नदी की बीच जलधारा से मौरंग निकली जा रही है तो वही नदी का स्वरूप बदल दिया गया है ट्रकों की निकासी के लिए नदी के इस तट से उस तट तक के लिए पुल बना दिया गया है सीमेंट बालू मिट्टी पत्थर और ईट डालकर के बागै नदी की जलधारा में अवैध पक्के पुल का निर्माण किया गया है। पुल भले ही अभी बने चंद दिन ही हुए हैं लेकिन आसपास के ग्रामीणों को और गांव के लोगों को नदी के अस्तित्व का भय सता रहा है। असलहे व गुर्गों के भय से ग्रामीण ऐसे माफियाओं का विरोध भी नहीं कर पाते हैं जिलाधिकारी बांदा दुर्गा शक्ति नागपाल की कई बड़ी कार्रवाई करने के बाद अब यहां के स्थानीय लोगों को भी आस है कि जिलाधिकारी कोई कड़ी कार्रवाई करेंगी और बागै नदी का अस्तित्व बचाने के लिए जिला प्रशासन आगे आएगा!
ग्रामीण वेद प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि ग्राम महुटा के आसपास बागै नदी में लगभग तीन किलोमीटर तक अवैध खनन कर ठेकेदार द्वारा बालू निकाली जा रही है।