नई दिल्ली: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है, जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. वहीं मंदिर में लगने वाले दरवाजों से लेकर गर्भगृह (Ayodhya Ram Lala Idol) में लगने वाली प्रतिमा तक, एक चीज पर सबकी नजर है. रामलला की प्रतिमा कैसी होगी, ये इंतजार आज खत्म हो जाएगा. राम लला की कौन सी प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित की जाएगी, इसका चयन आज किया जाएगा.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- सूत्रों ने बताया कि अगले महीने भव्य मंदिर के गर्भगृह के भीतर स्थापित की जाने वाली भगवान राम लला की मूर्ति पर फैसला करने के लिए आज वोटिंग होनी है. राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक में रामलला की प्रतिमा को लेकर वोटिंग की जाएगी.
- अलग-अलग मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई तीन मूर्तियों का डिजाइन मेज पर रखा जाएगा. जिस एक मूर्ति को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, उसे 22 जनवरी को मंदिर के अभिषेक के समय स्थापित किया जाएगा. ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बुधवार को कहा था कि भगवान राम की पांच साल की उम्र की कोमलता को प्रतिबिंबित करने वाली 51 इंच ऊंची मूर्ति को तीन डिजाइनों में से चुना जाएगा.
- चंपत राय ने कहा, “जिस मूर्ति में सबसे ज्यादा दिव्यता होगी और. उसे 5 साल के बच्चे जैसे नजरिए से बनाया गया होगा, उसीका चयन गर्भगृह में स्थापना के लिए किया जाएगा.
- इस बीच, श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को जिले के शीर्ष अधिकारी के साथ राम जन्मभूमि पथ और परिसर पर चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया. यह निरीक्षण अगले महीने होने वाले अभिषेक समारोह से पहले और पीएम मोदी की अयोध्या यात्रा से ठीक दो दिन पहले हुआ.
- नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि काम जल्दबाजी में नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसमें पर्याप्त समय लगाकर गुणवत्तापूर्ण तरीके से इसे किया जा रहा है. मंदिर के निर्माण कार्य को तीन चरणों में बांटा गया है. पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा, दूसरा चरण जनवरी में पूरा होगा, जब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होगा. वहीं तीसरे चरण में जटिल निर्माण कार्य शामिल है.
- नृपेंद्र मिश्र ने अधिकारियों को जन्मभूमि पथ पर ‘स्वागत द्वार’ और छत्र के साथ लगाए जा रहे सुरक्षा उपकरणों का काम दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया.
- मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक, अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा. 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे. सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा.
- 17 जनवरी को भगवान राम की बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा. मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे. 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे.
- 19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद ‘नवग्रह’ की स्थापना और ‘हवन’ किया जाएगा. मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा.
- 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और फिर उनको आराम करने दिया जाएगा. 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में राम लला का अभिषेक किया जाएगा.