रायपुर। यदि आप रेल से सफर करने जा रहे है और गाड़ी पार्किंग में रखना चाहते है तो सतर्क हो जाइए। क्योंकि रायपुर रेलवे स्टेशन में पार्किंग के नाम पर खुलेआम लूट मचा रखा है। यदि किराया को लेकर हर रोज गाड़ी बेइज्जत होना पड़ता है। यहां पर वही होता है जो ठेकेदार के गुर्गे चाहते है।
जानकारों की माने तो रेलवे स्टेशन में पार्किंग का ठेका देने वाले अधिकारी और ठेकेदार से सांठगांठ इतना पक्का है कि पार्किंग में गाड़ी मालिकों से दुर्व्यवहार से पीडि़तों की शिकायत न तो रेलवे वाले सुनते है और न ही जीआरपी, न सीआरपीएफ वाले । गाड़ी को पार्किंग में रखना यानी आ बैल मुझे मार वाले कहावत को चरितार्थ करना है। वहां सिर्फ ठेकेदार के गुर्गे की मनमानी का शिकार होना आम बात है। रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने यात्री को कोई सुरक्षा देने वाला नहीं है। अपने रिस्क पर जाएं और मनमाने अवैध तरीके से किराया देकर चुपचाप अपनी गाड़ी उठा कर चल दें। कोई सवाल -जवाब करने पर परेशानी यात्रियों के गले पड़ सकती है। इसकी वजह पार्किंग ठेकेदार आसिफ मेमन और उसके गुर्गे गुंडागर्दी करने से बाज नहीं आ रहे है। पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली इनका पेशा बन गया है, ज्यादा पैसा देने से मना करने पर यात्रियों दुव्र्यवहार करने के साथ जान से मारने की धमकी तक दिया जाता है। ठेकेदार आसिफ मेमन द्वारा रेलवे स्टेशन में दर्जनभर गुर्गे भी रखे हैं। जो धमकी और मारपीट जैसे वारदातों को अंजाम देने में पीछे नहीं हटते।