नए कानून के विरोध में ट्रक-बस चालकों ने हाइवे किया जाम -प्रशासन ने मौके पर पहुँच कर चालको को किया समझाने का प्रयास

फतेहपुर। परिवहन के नये कानून के विरोध में नव वर्ष के पहले दिन बसों और ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को नए साल के पहले ही दिन रोडवेज बसों और ट्रक चालकों ने अचानक चक्का जाम कर दिया। ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था। सोमवार सुबह ट्रक चालक हड़ताल पर चले गए। ट्रक चालकों ने लखनऊ बाईपास हाइवे पर प्रयागराज से कानपुर जाने वाली लेन पर ट्रक खड़ा कर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान ट्रक चालको क साथ अन्य वाहनों के चालक भी इस हड़ताल में शामिल हो गए । डिपो से निकलकर मार्ग पर चली गई थी उन्हें भी रास्ते में रोक कर खड़ी कर दिया गया है। एसडीएम और सीओ ने चालको को समझाने का प्रयास कर किया। परिवहन के नए कानून का विरोध शुरू हो गया है। ट्रक और निजी बसों के संचालकों ने हड़ताल कर दी। जिससे हाईवे पर ट्रकों की लाइन लग गई। रोडवेज स्टैंड पर अनुबंधित बसें भी खड़ी कर दी गई है। लोगों को लिफ्ट मांगकर, डग्गामार व निजी वाहनों में सफर कर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। प्राईवेट वाहन चालकों की चांदी रही। उन्होंने यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया और कई गुना किराया वसूला। चालकों ने कहा कि तत्काल कानून को वापस लिया जाए। इस क़ानून से चालको को दिक्क़तो का सामना करना पड़ रहा हैं।
इनसेट-
जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुधाकर अवस्थी मीडिया से रूबरू होते हुए बताया की दुर्घटना होने पर चालकों के विरुद्ध बनाए गए नियम दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने पर चालकों के ऊपर जुर्माना लगाने व अतिरिक्त दायित्वों के संबंध में बनाए गए कानून वास्तव में काले कानून है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने पर ड्राइवर के खिलाफ जुर्माना लगाना तुगलकी फरमान है। सारे देश में ड्राइवरों की हड़ताल जायज है और उनकी मांगों पर केंद्र सरकार को सहानुभूतपूर्वक विचार करते हुए काले कानून तुरंत वापस लेने चाहिए। अन्यथा ड्राइवर की लंबी हड़ताल से आम जनजीवन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ड्राइवर को सहूलियत देने के बजाय भाजपा सरकार काले कानून थोपकर ड्राइवर का उत्पीड़न कर रही है।

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