अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा का चयन कर लिया गया है। प्रतिमा को किस मूर्तिकार ने बनाया है, इसकी जानकारी 3 या 5 जनवरी को बताई जाएगी। वहीं सूत्रों की मानें तो कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा को फाइनल किया गया है।
गर्भगृह में विराजने वाली रामलला की जिस प्रतिमा का चयन किया गया है, वह 51 इंच लंबी, 5 साल के बाल स्वरूप की प्रतिमा है। रामलला को खड़े हुए धनुष-बाण लिए दिखाया गया है। प्रतिमा ऐसी है जो राजा के पुत्र की तरह और विष्णु का अवतार लगे। गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फीट होगी। अभी फाइनल प्रतिमा की फोटो जारी नहीं की गई है।
PMO से मांगी गई मदद
सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई नीले रंगे की रामलला की मूर्ति का चयन किया गया है। पूरी तरह से सहमति न होने पर ट्रस्ट प्रतिमा के चयन को सार्वजनिक करने से बच रहा है। नए साल के पहले दिन सोमवार को ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र और एलएंडटी के अफसरों के साथ कारसेवकपुरम में बैठक की।
बैठक में रामलला की मूर्ति के चयन की घोषणा 3 जनवरी को करने पर बात बनी। यह भी बताया जा रहा है कि अगर 3 को जानकारी सार्वजनिक नहीं कि गई तो 5 जनवरी को मूर्ति के बारे में घोषणा कर दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि PMO को भी इस पूरे प्रकरण की जानकारी देकर सहयोग राय मांगा है।
जानकारी के अनुसार, रामलला की 3 प्रतिमा बनाई गई है। तीनों की लंबाई 51 इंच है। कमल आसन पर विराजमान 5 साल के बालक के स्वरूप की तीनों प्रतिमाएं बनाई गई हैं। एक प्रतिमा मकराना पत्थर और दो कर्नाटक के पत्थरों से तैयार किया गया है। मकराना के श्वेत संगमरमर की प्रतिमा को सत्यनारायण पांडेय ने तैयार किया है।
अयोध्या के अधिकांश मंदिरों में लगी है श्वेत संगमरमर की प्रतिमा
अयोध्या के कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज, सियाराम किला, जानकी महल, राम वैदेही मंदिर, दिव्यकला मंदिर आदि अधिकांश मंदिरों में श्वेत संगमरमर की बेहद खूबसूरत प्रतिमाएं स्थापित हैं। कालेराम मंदिर, चंद्रहरि मंदिर और रामलला की संस्कार स्थली रामलला सदन में काले कसौटी के पत्थर की भगवान राम की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
ट्रस्ट में नहीं बन पा रही सहमति
अयोध्या के अधिकांश संत और राम मंदिर ट्रस्ट का एक खेमा श्वेत संगमरमर की मूर्ति स्थापित करने के पक्ष में है। जबकि ट्रस्ट के कुछ लोग कर्नाटक के पत्थर से बनी रामलला की दो प्रतिमाओं के चयन के पक्ष में है। 29 दिसंबर की बैठक में इसी के चलते रामलला की 3 प्रतिमाओं में किसी एक का चयन नहीं हो पाया है। ट्रस्ट ने इसके बाद अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और महासचिव को रामलला की प्रतिमा के चयन का अधिकार देकर अपनी राय लिखित रूप से दे दी है।
मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं योगीराज
रामलला की प्रतिमा तैयार करने वाले 37 साल के अरुण योगीराज मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। उन्होंने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से MBA किया, फिर एक निजी कंपनी के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिमाएं बनानी शुरू की। हालांकि प्रतिमाएं बनाने की तरफ उनका झुकाव बचपन से था। PM मोदी भी उनके काम की तारीफ कर चुके हैं।
योगीराज ने ही जगद्गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया था। उन्होंने ने ही शंकराचार्य की प्रतिमा बनाई थी, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है।
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अयोध्या में रामलला की 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा होगी। सूत्रों के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 5 लोग शामिल होंगे। इस दौरान पीएम के सामने भगवान के आंख की पट्टी खोली जाएगी। इसके बाद पीएम रामलला के आंख में काजल लगाएंगे। फिर उन्हें आइना दिखाएंगे।