मांगों को लेकर आज किसान नोएडा प्राधिकरण की तालाबंदी करेंगे। इसके लिए 105 गांवों के किसान सुबह से ही नोएडा प्राधिकरण पहुंचना शुरू हो जाएंगे। यहां पहले हवन होगा इसके बाद परिक्रमा लगाकर प्राधिकरण के सभी गेटों पर ताला लगा दिया जाएगा। किसानों ने कहा कि यदि हमारी मांग पूरी नहीं होगी तो प्राधिकरण के अधिकारियों का यहां क्या काम। ऐसे प्राधिकरण को बंद ही किया जाए। इससे पहले प्राधिकरण के आला अधिकारी सोमवार को धरना स्थल पहुंचे थे।
किसानों ने पहले ही 2 जनवरी को प्राधिकरण पर संपूर्ण तालाबंदी का ऐलान कर रखा है। इससे प्राधिकरण-पुलिस अधिकारी सकते में हैं। इसी क्रम में किसानों को मनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री, डीसीपी हरीश चंदर, एडीसीपी मनीष मिश्रा, एसीपी रजनीश वर्मा धरना स्थल पर पहुंचे। यहां किसानों-अधिकारियों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। अधिकारियों ने किसानों से कहा कि उनकी मांगों को पूरा कराने के लिए जल्द औद्योगिक विकास आयुक्त से बातचीत कराई जाएगी। लेकिन किसान सहमत नहीं हुए।
किसानों ने कहा कि हर हाल में प्राधिकरण पर संपूर्ण तालाबंदी की जाएगी। वहीं दूसरी ओर सेक्टर-24 एनटीपीसी दफ्तर के सामने भी किसान सोमवार को धरने पर डटे रहे। यहां पर किसान 5 जनवरी को तालाबंदी करेंगे। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर पहलवान ने कहा कि अधिकारियों ने औद्योगिक विकास आयुक्त से बात कराने का आश्वासन दिया लेकिन समय-सीमा नहीं बताई।
105 गांवों में जन संपर्क अभियान
प्राधिकरण की तालाबंदी के लिए आज 105 गांवों के किसान प्राधिकरण आएंगे। यहां तालाबंदी की जाएगी। इसके बाद पंचायत होगी। पंचायत में ही आगे की रणनीति तय होगी। इस दौरान किसानों ने अलग-अलग समूह बनाए है। ये समूह अलग-अलग गेट पर बैठेंगे। ये तालाबंदी कितने दिनों ति रहेगी इसके संकेत नहीं दिए है। बता दे इससे पहले भी किसान प्राधिकरण की तालाबंदी कर चुके है। किसानों को जागरूक करने के लिए 105 गांवों में जन जागरण अभियान चलाया गया । इसके अलावा कई गांवों में कैंडल मार्च निकाला गया।
किसानों की ये है मांग
- 10 प्रतिशत भूखंड या उसके समतुल्य धनराशि दी जाए
- आबादी विनियमितीकरण के तहत प्रति बालिग सदस्य 450 से बढ़ाकर एक हजार मीटर जमीन छोड़ी जाए
- पांच प्रतिशत भूखंड में व्यवसायिक गतिविधि चलाने के लिए शुल्क तय नहीं
- एनटीपीसी से प्रभावित 2200 किसान परिवारों को मुआवजा मिले
- एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसानों को मिले समान दर से मुआवजा
- क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण
रात से ही पुलिस ने की घेराबंदी
किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। यहां किसान ज्यादा संख्या में न आए इसके लिए प्राधिकरण के चारो ओर बैरिकेडिंग की जार रही है। भारी पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात की जा रही है। किसानों को हिरासत में लिया जा सकता है। हालांकि किसानों ने स्पष्ट कहा कि वह सिर्फ तालाबंदी करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
प्राधिकरण के विरोध में 10 % की मांग को लेकर पहली बार 2019-20 में किसानों ने खोला मोर्चा
किसानों ने 2019-20 में 5 व 10 % विकसित भूखंड या इसके समतुल्य धनराशि की मांग को लेकर प्राधिकरण पर धरना दिया। किसानों ने मांग की कि 10 प्रतिशत के अतिरिक्त भूखंड को प्राप्त करने के लिए कोर्ट की बाध्यता को समाप्त किया जाए। इसके अलावा 1997 से 2014 तक के सभी किसानों को 10 % भूमि या इसके समतुल्य मुआवजा दिया जाए। किसानों ने तर्क दिया कि न्यायालय के आदेश पर आपने जो किसान न्यायालय गए उनको 10 प्रतिशत जमीन दी। लेकिन उसी दौरान हमारी जमीन भी अधिग्रहीत की गई। किसानों ने यह भी कहा जिन किसानों ने न्यायालय से याचिका वापस ली या जो आपके कहने पर न्यायालय नहीं गए उनको भी आपके द्वारा 5 प्रतिशत अतिरिक्त प्लाट दिया गया। इस धरने के बाद पहली बार प्राधिकरण ने बोर्ड में किसानों से संबंधित प्रस्ताव भेजा गया जिसे बोर्ड ने निरस्त कर दिया।