जीएसटी चोरी करने वाले दवा कारोबारी ने स्टेट जीएसटी से 14.18 करोड़ रुपए वसूले है। विभाग के डाटा एनालिसस में यह बात सामने आई है। जांच में यह बात सामने आई कि दवा कारोबारी साल 2020 – 21 के बाद लगातार कम टैक्स दे रहा था।
उसके बाद विभाग की तरफ से जांच तेज की गई। इसमें चार साल की चोरी पकड़ी गई। इसके बाद अलग – अलग साल को जोड़ते हुए कारोबारी से जीएसटी अधिकारियों ने 14.18 करोड़ रुपए की वसूली कर ली है।
गलती स्वीकार नहीं कर रहा था कारोबारी
विभाग के अधिकारी अरूण शंकर राय ने बताया कि शुरू में कारोबारी और फर्म वास्तविक करदेयता स्वीकार नहीं कर रहा था। उसके बाद मौके पर जांच करने वाली टीम को भेजा गया। स्थलीय सर्वेक्षण के लिए उपायुक्त विजय पाल सिंह को प्रापर आफ़िसर बनाते हुए भेजा गया।
जांच में यह तथ्य प्रमाणित हो गया कि वित्तीय वर्ष 20-21,21-22,22-23 में जीएसटी जमा नहीं किया गया। उसके बाद मौके पर अलग – अलग साल के हिसाब से कारोबारी ने 2.40 करोड़ रुपए, 5.11 करोड़ रुपए, 1.18 करोड़ रुपए और 5.49 रुपए जमा किया गया। अभी तक विभाग के पास कारोबारी की तरफ से 14.18 करोड़ रुपए जमा करा दिया गया है।
जांच जारी नाम नहीं दे रहा विभाग
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच चल रही है। ऐसे में नाम नहीं दिया जा रहा है। हालांकि ऐसे ही कई दवा कारोबारियों पर टैक्स चोरी की आशंका है। कोविड के बाद से बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का मामला सामने आने की बात है। लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर और अमीनाबाद मेडिसीन बाजार दवा कारोबार का सबसे बड़ा अड्डा है।