पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलन जारी है। लगातार तीसरे दिन रेलवे और कर्मचारियों की भूख हड़ताल जारी रही। सुबह 9 से शाम 5 बजे तक सैकड़ों कर्मचारियों ने धरना दिया। इस दौरान जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली न होने पर रेलवे का चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की जिला अध्यक्ष अमिता त्रिपाठी ने धरने का नेतृत्व किया।
कर्मचारियों ने आहवान किया कि सरकार की मजदूरी विरोध नीतियों व नई पेंशन योजना के खिलाफ एकजुटता बनाए रखनी होगी तभी हमारा संघर्ष सफल होगा। पदाधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि निकट भविष्य में आम चुनाव से पूर्व सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम का बहाल नहीं करती है तो कर्मचारी हड़ताल पर जाने को विवश होंगें, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। क्रमिक भूख-हड़ताल के दौरान भोजनावकाश में हजारों की संख्या में सरकारी कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर नेताओं के भाषण सुने व अपना समर्थन व्यक्त किया। इस दौरान राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है।
सरकार हठधर्मिता पर कायम मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने पुरानी पेंशन बहाल न होने से कर्मचारियों में काफी ज्यादा नाराजगी है। यह कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा गारंटी की तरह है। कर्मचारी नेता रविन्द्र सिंह ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठे कर्मचारियों का जज्बा काबिले तारीफ है। यह बताता है कि सरकारी कर्मचारी पेंशन बहाली मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। एआईआरएफ के जोनल सचिव एसयूशाह ने कहा कि एनजेसीए ने वर्ष 2023 में के दौरान जमीनी संघर्ष से लेकर कैबिनेट सचिव व वित्त सचिव स्तरीय अनेक दौर की वार्ताओं के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली का प्रयास किया किन्तु सरकार के कानों में अभी तक जूं नहीं रेंगी।
यह नेता और कर्मचारी धरने में शामिल रहे
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एनडी द्विवेदी, अमिता त्रिपाठी, एन मिश्रा, विवेक सचान, रनिंग शेड, संतोष तिवारी,अमित शर्मा, दिवाकर राय, एसबी सिंह, मुकेश सिंह, आतिज द्विवेदी,शिवशंकर दुबे, रवि भाटिया, नरेश कुमार समेत कई लोग धरने में शामिल रहे।