तमिलनाडु के तंजावुर ज़िले में हाल ही में ऑनर किलिंग की एक दिल दहला देने वाली घटना घटी.
हिंदू परिवार से आने वाली एक लड़की के माता-पिता पर आरोप है कि अनुसूचित जाति के एक लड़के से शादी करने पर उन्होंने अपनी बेटी का बेरहमी से क़त्ल कर दिया.
तंजावुर ज़िले में पट्टुकोट्टाई के पास पूवालुर के नवीन पड़ोस के नेवाविदुति गाँव की 19 साल की लड़की ऐश्वर्या से प्रेम करते थे. नवीन दलित परिवार से हैं.
नवीन और ऐश्वर्या में बीते पाँच सालों से प्रेम संबंध था. दोनों पिछले दो सालों से तिरुपुर ज़िले में काम कर रहे थे और उन्होंने आवरापलयम के विनयागर मंदिर में 31 दिसंबर को शादी कर ली थी.
अंतरजातीय विवाह से ऐश्वर्या का परिवार ख़ुश नहीं था और जब उन्हें इसका पता चला तो उहोंने ज़बरदस्ती दोनों को अलग करने की कोशिश की.
क्या है मामला
दो जनवरी को ऐश्वर्या के माता पिता अपने रिश्तेदारों के साथ तिरुपुर ज़िले के पल्लाडम पुलिस स्टेशन पहुँचे और पुलिस से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की.
थाने में मामला दर्ज कर लिया गया और हैरानी की बात है कि पुलिस ने ऐश्वर्या को उनके माता पिता को सौंप दिया.
सात जनवरी को नवीन ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि ‘वो अनुसूचित जाति से आते हैं और ऐश्वर्या पिछड़ी जाति से हैं. दोनों के बीच पांच साल से प्रेम चल रहा है.’
नवीन की शिकायत के अनुसार, “शाम दो बजे ऐश्वर्या के पिता अन्य रिश्तेदारों के साथ पुलिस स्टेशन गए. आधे घंटे बाद ही पल्लाडम पुलिस स्टेशन से ऐश्वर्या को उनके पिता और रिश्तेदारों ने साथ लिया और पुलिस स्टेशन के बाहर खड़ी कार में बैठकर चले गए.”
नवीन की शिकायत पर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफ़आईआर में कहा गया है कि ‘नवीन को सूचना मिली कि तीन जनवरी की सुबह ऐश्वर्या की हत्या कर दी गई थी और स्थानीय लोगों से छिपा कर शव को तत्काल श्मशान में जला दिया गया था.’
पुलिस ने भी अपनी जांच में कहा है कि ऐश्वर्या को उनके अभिभावकों ने नेवाविदुति गांव में इमली के पेड़ से लटका दिया था.
पुलिस ने बीबीसी से पुष्टि की कि ‘ऐश्वर्या को पेड़ पर लटका कर मार डाला गया था.’
ऐश्वर्या के गाँव वाले बीबीसी तमिल से खुल कर बात करने के लिए राज़ी नहीं थे लेकिन कुछ लोगों ने दिल दहला देने वाली इस घटना के बारे में नाम न ज़ाहिर करते हुए बात की.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ‘उन्होंने ऐश्वर्या को पिता द्वारा ज़बरदस्ती ले जाते हुए देखा था. लेकिन उन्होंने हत्या की पुष्टि करने से इनकार कर दिया.
एक ग्रामीण ने बताया, “बाहर बहुत शोर हो रहा था, जिसे सुनकर हम बाहर निकले. लड़की को घसीटते हुए वो इमली के पेड़ तक ले जा रहे थे.”
बेरहमी से क़त्ल
जांच की अगुवाई करने वाले सब इंस्पेक्टर नवीन प्रसाद ने ऐश्वर्या की क्रूर हत्या की पुष्टि की.
उन्होंने कहा कि ‘ऐश्वर्या के पिता पेरुमल और उनकी पत्नी रोजा को गिरफ़्तार कर लिया गया है और पूछताछ के दौरान पेरुमल ने ख़ुद बताया कि उन्होंने इमली के पेड़ के नीचे अपनी ही बेटी की हत्या कैसे की थी.’
डीएसपी आशीष रावत ने बताया, “लड़की के पिता के बयान के अनुसार, उन्होंने तिरुपुर पुलिस स्टेशन से घर पहुँचने के तुरंत बाद, सीधे लड़की को फांसी पर लटका दिया था. पेरुमल ने अपनी पत्नी से रस्सी और कुर्सी लाने को बोला था.”
“इसके बाद उन्होंने बेटी से कहा कि वो फंदा खुद गले में डाले और माफ़ी मांगे. जब उन्होंने रस्सी को काटा तो पाया कि ऐश्वर्या ज़िंदा थीं. इसके बाद पिता ने उनका गला घोंट दिया. पेरुमल ने पुलिस के सामने ऐसा करके दिखाया.”
पुलिस अब इस अपराध में सहयोग करने वाले और किसी तरह की पूर्व योजना बनाए जाने की संभावना भी तलाश रही है.
स्कूली दिनों से थी जान पहचान
इस भयानक घटना की जड़ें इन दोनों के स्कूल के दिनों तक जाती हैं.
ऐश्वर्या के पति नवीन के गांव जाते समय हमें पुलिस ने रोक लिया और कहा कि मीडिया को जाने की इजाज़त नहीं है.
बाद में स्थानीय पुलिस स्टेशन में हमारी मुलाक़ात नवीन के पिता भास्कर से हुई, जिन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया.
उन्होंने कहा, “जब नवीन नौवीं क्लास में था तब मुझे चेतावनी दी गई. इसके बावजूद कि वे अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते थे. बस यात्रा के समय दोनों मिलते थे और आख़िरकार उनमें प्रेम हो गया.”
वो बताते हैं कि उन्हें अलग करने की कई कोशिशें हुईं लेकिन दोनों के बीच प्रेम बढ़ता गया और अंत में दोनों ने शादी कर ली.
इस घटना से नेवाविदुति और पूवालुर गांवों में ओबीसी और दलित समुदाय के बीच तनाव बढ़ने से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
भास्कर ने ये भी बताया कि इस घटना के पहले से ही पेरुमल और उनके बीच आपस में जान पहचान थी.
क्या व्हाट्सऐप वीडियो बना कारण?
लोग बताते हैं कि नवीन और ऐश्वर्या की शादी के व्हाट्सऐप वीडियो ने हालात को नियंत्रण से बाहर कर दिया.
व्हाट्सऐप के ज़रिए इस विवाह की चारों ओर चर्चा होने लगी. इसने सामाजिक तनाव को बढ़ाया.
यह घटना इस इलाक़े में गहरे तौर पर पैठे पूर्वाग्रहों पर भी रोशनी डालती है.
पूवालुर के तामिलचेल्वी ने बताया कि हत्या के ठीक पहले हालात कैसे थे.
उन्होंने कहा, “दलितों और ओबीसी समुदाय के बीच ऐसे प्रेम विवाह पहले भी हुए हैं. उनमें अधिकांश कभी गांव नहीं लौटे. हमारे गांव के बहुत से लोगों को ऐसी शादियों के बारे में पता तक नहीं है. लेकिन इस मामले में व्हाट्सऐप वीडियो से ये बात सभी को पता चल गई.”
वो कहते हैं, “मुझे लगता है कि इस घटना के पीछे यह एक बड़ा कारण रहा.”
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
इस बर्बर घटना में पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
नवीन का आरोप है कि ऐश्वर्या को पुलिस स्टेशन से ज़बरदस्ती ले जाया गया और उन्हें पुलिस अधिकारियों ने भी धमकी दी.
हालांकि पल्लाडम डीएसपी विजयाकुमार ने सफ़ाई दी कि ‘ऐश्वर्या ने अपनी इच्छा’ से माता-पिता के साथ जाना स्वीकार किया था.
वो कहते हैं, “ऐश्वर्या की सहमति के बाद ही हमने उन्हें उनके माता पिता के साथ भेजा था.”
लेकिन इस ऑनर किलिंग से विवाद तूल पकड़ गया.
एक शादीशुदा लड़की को उसके परिजनों को सौंपने के लिए पल्लाडम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर मुरुगैया को निलंबित कर दिया गया है.
तमिलनाडु में ऑनर किलिंग
तमिलनाडु में इससे पहले भी ऑनर किलिंग की कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें उडुमालाईपेट शंकर, ओमालुर गोकुलराज, तिरुवरूर अबिरामी, तिरुनेल्वेली कल्पना, नागापट्टिनम अमिरथवल्ली, कन्नगी-मुरुगेसन के मामले ख़ासे चर्चित रहे हैं.
तमिलनाडु के सामाजिक कार्यकर्ता कथीर दलितों के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा पर लगातार नज़र रखते हैं. उन्होंने एक रिपोर्ट निकाली, जिसमें 2022 में प्रेम और विवाह के कारण हुई हत्याओं का ब्यौरा दिया गया है.
इस रिपोर्ट के अनुसार, “हर साल 120-150 हत्याएं होती हैं. इन सभी को बर्बर हत्याएं माना जाना चाहिए.”
कथीर समेत तमिलनाडु के कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता ऑनर किलिंग के लिए अलग एक कड़े क़ानून की मांग करते रहे हैं.