साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा कि माननीय दोनों सम्राट चौधरी जी और विजय सिन्हा जी उप मुख्यमंत्री बने, बड़ी खुशी है ये उप मुख्यमंत्री बने। इनका बयान हमने देखा कि भाजपा जो है वह मां है। लेकिन हम तो कहना चाहते हैं कि आरजेडी न आपकी मां हुई ऑरिजनल, आप तो पहले हमारे ही दल में थे। चलिए कोई बात नहीं आप अस्वीकार कीजिए, लेकिन जनता तो इस बात को जानती है। हमें खुशी है कि साथ में दो-दो डिप्टी सीएम बने।
राजद नेता ने आगे कहा कि विजय सिन्हा जी डिप्टी सीएम बन गए, स्पीकर पद पर भी रहे और नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इन्होंने भी एक ही टर्म में तीन-तीन पद पाकर इतिहास रच दिया। इसके लिए आप तीनों (नीतीश, सम्राट और विजय को) लोगों को विशेष तौर पर बधाई देना चाहते हैं।
तेजस्वी ने आगे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी हमारे लिए आदरणीय थे, हैं और हमेशा रहेंगे। हम इनकी इज्जत हमेशा करते आए हैं और करते रहेंगे। हमको कई बार इनके नेतृत्व में काम करने का मौका मिला और हमने लोगों काम किया मिलकर के, इसमें कोई दो राय नहीं है। आगे भी हम आप लोगों के समक्ष बात रखने का काम करेंगे। कई बार माननीय मुख्यमंत्री जो हैं, वे बोलते रहे कि मैं उनके बेटा जैसा हूं और हम भी उन्हें अपना गार्जियन मानते हैं।
राजद नेता तेजस्वी ने आगे कहा कि आप लोग भगवान राम की चर्चा करते हैं, हम आप सबके मन में राम तो हैं ही। लेकिन एक बात समझनी पड़ेगी कि हम तो नीतीश को दशरथ जो पिता हैं उनके रूप में गार्जियन मानते हैं। भाई कई बार इन्होंने आपके सामने भी बोला कि अब तो यही करेगा, यही आगे बढ़ेगा। तो चलिए नौजवान ही न आगे बढ़ेगा, आगे काम करेगा। लेकिन कई बार मजबूरियां रही होंगी इनकी, जैसे दशरथ की मजबूरी थी कि राम को जो है वनवास भेज दिया गया। लेकिन उस बात को हम मानते हैं कि हम वनवास नहीं आए हैं। बल्कि हमको इन्होंने भेजा है जनता के बीच उनके सुख और दुख का भागीदार बनने के लिए।
तेजस्वी ने कहा कि पहली बार भी इन्होंने हमें दूर किया, तब क्या मजबूरियां रहीं। हमें नहीं पता और न आपको पता, किसी को नहीं पता कि क्या मजबूरियां रहीं। लेकिन इन्होंने जब पहली बार दूर किया तो एक ही बात निकलकर आई कि आप जो है एक्सप्लेन कर दीजिए, आप के ऊपर मुकदमा है, केस है। जब दोबारा इन्होंने अपनाया तो इन्होंने कहा कि ये बीजेपी वाले सब फंसाने का काम करते हैं, ईडी और सीबीआई पीछे लगा देते हैं।
उन्होंने कहा कि देखिए हम तो आपको इज्जत देते हैं और आगे भी देते रहेंगे। यह बात समझनी पड़ेगी। बिहार की जनता ये जानना चाहती है कि क्या कारण है कि आप कभी इधर रहते हैं और कभी उधर। यह तो सब लोग जानना चाहते हैं कि आखिर क्या ऐसा हो गया कि आपको यह निर्णय लेना पड़ा। 2020 का हम लोग चुनाव जीतकर आए, बेईमानी के बाद मात्र 12 हजार का डिफरेंस था पूरे महागठबंधन और एनडीए में। आप क्यों छोड़ कर आए, आपने यही बोला था न कि हमारी पार्टी को तोड़ा जा रहा है, हमारे विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है। और ‘मर जाएंगे-मिट जाएंगे’ ये तो आप कहते ही रहते हैं, उस पर हम नहीं जाएंगे। लेकिन आपने तो ये कहा था कि भाई हम लोगों का एक ही लक्ष्य है कि न प्रधानमंत्री बनना है, न मुख्यमंत्री बनना है। लेकिन देशभर के विपक्ष को गोलबंद कर के जो तानाशाह है उसको दोबारा नहीं आने देना है। इसीलिए न आप आए थे।
राजद नेता ने कहा कि और आप जब गवर्नर ऑफिस गए मुकर गए, मुख्यमंत्री जी जब आप बाहर आए तो आपने बोला कि मन नहीं लग रहा था, मन नहीं लगेगा तो हम नाचने-गाने के लिए थोड़ी हैं। हम तो आपका साथ न देने के लिए थे कि जो काम आप बोलते थे कि असंभव है, उसको हम लोगों ने मुमकिन करके दिखाने का काम किया। झूठ मत बोलिएगा, देखिए हम आप लोगों से उम्र में छोटे हैं। आपने 2020 के चुनाव में क्या कहा था कि अपने बाप के पास से पैसा लाएगा, जेल से पैसा लाएगा जो नौकरी बांटेगा। असंभव है ये। और हमने उस समय चुनाव के दौरान कहा था, रोजगार पर विशेष तौर पर हमने बोला था कि साइंटिफिक अध्ययन किया है, रिक्त पद हैं, इतने हैं। उनको हम लोग जो है भरने का काम करेंगे। हमको दुख इस बात का नहीं है कि हम विपक्ष में आ गए, हमको तो खुशी है कि उन 17 महीनों में देश की किसी सरकार ने नहीं किया, उसको हमारी महागठबंधन सरकार ने करने का काम किया है।