फतेहपुर। भागवत मुक्ति पद है श्री मदभागवत में कर्म, ज्ञान, उपासना, समाहित है। जब धरती पर अत्याचार बढ़ता है तब धरती माँ गौ रूप में अवतार लेती है। अमौली विकास खण्ड क्षेत्र के कुलखेड़ा गांव में राजेन्द्र दीक्षित ने साप्ताहिक श्री मद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा व्रन्दावन के आचार्य पं कमलेशदास जी महाराज ने कही । कथा के अंतिम दिवस पर काशी के जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज का आगमन हुआ। उन्होंने श्री मद्भागवत कथा के प्रसंग पर कहा कि सौ करोड़ कल्पों में भी किए गए कर्म का उपभोग ब्यक्ति को भोगना पड़ता है। उन्होंने इतिहास,वेद,पुराण ,की कई कथाओं का बखान किया। देश की रक्षा करते हुए वीर सैनिकों जो वीरगती को प्राप्त होते है वह अमर हो जाते है। बेटी पढ़ाओ के साथ बेटी को आत्म निर्भर व आत्म सुरक्षा के लिए जेब में एक चाकू रखने की सीख देने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया। कश्मीर में भगवान अमरनाथ का निवास होने के चलते उसे भारत का मस्तक बताया। उन्होंने कहा भगवान राम का विरोध करने वाला कभी सुखी नही रह सकता। मेरी जन्म भूमि मेरे लिए स्वर्ग से भी अधिक महत्व रखती है। उन्होंने अयोध्या के बाद मथुरा के कारागार व वनारस में भी भगवान के सीघ्र लोगों के दर्शन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हजारों मंदिर तोड़कर जो मस्जिद बनाई गई है उन्हें मुस्लिम समुदाय सेवा भाव से समर्पित कर दें नही तो मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाए जाएंगे। उन्होंने मथुरा काशी बांकी है का नारा लगाते हुए उद्घोष किया।इस मौके पर पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, उमेश त्रिवेदी,उमेश दीक्षित,प्रमोद शुक्ला,श्याम दीक्षित,कैलाश दीक्षित,छोटे दीक्षित,रमेश दीक्षित धनंजय अग्निहोत्री, ललित दीक्षित, सहित कई लोग मौजूद रहे।