औंग, फतेहपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा नवनिर्मित स्थानीय कस्बे का ओवरब्रिज बने हुए और उसको चालू हुए करीब एक साल पूरा होने को है लेकिन पुल के नीचे प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे शाम होते ही अंधेरा कायम हो जाता है जिससे आने जाने वाले राहगीरों , दुकानदारों आदि को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जब ग्रामीणों ने हाईवे और पीएनसी की नाक में दम कर दिया था तब कोई सुनने वाला नहीं था जब ग्राम प्रधान ने सख्ती दिखाई और उनको जांच के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी तब कहीं जाकर पुल के दोनों ओर रोशनी के दर्शन हुए ।
पुल के नीचे हाईवे नहीं लगा रहा है एलईडी लाइट
उक्त पुल के नीचे करीब पचास दुकानें लगती हैं जहां पर काफी संख्या लोग सुबह से लेकर रात करीब दस बजे तक खरीददारी करते हैं छोटे बड़े वाहनों की पार्किंग रात में यहीं पर होती है। उक्त चैराहा से शिवराजपुर, सकुरा, जहानाबाद, कानपुर प्रयागराज आदि से आने जाने वाले वाहन अधिकतर वाहन यहीं से होकर गुजरते हैं। पुलिस की रात पिकेट ड्यूटी भी यहीं पर रहती है। इसके बावजूद हाईवे और पीएनसी ने यहां पर लाइट लगाना वाजिब नहीं समझा ।
लाइट चलने वाले कर्मी को नहीं दिया गया मेहनताना
पुल के दोनों ओर लाइट ऑन ऑफ करने के लिए छः माह पूर्व कस्बे के रोहित पाण्डेय को छः हजार रूपए मासिक मेहनताना देने की बात कहकर रखा गया था। जिसने करीब छः माह से अधिक लाइट शाम को जलाने व सुबह बुझाने की सेवा की । अभी हाल में ही इसमें टाइमर लगा दिया गया जिससे रोहित पाण्डेय का काम खतम हो गया। लेकिन 36 हजार रूपए रोहित को अभी तक नहीं दिए गए। गत सप्ताह कस्बे में आए पीडी के सामने उक्त कर्मी ने अपनी बात रखने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अनसुनी कर दिया।
बयान
हाईवे और पीएनसी ने कहा था तीन महीने में पुल के नीचे लाइट लग जायेगी लेकिन अवधि पूरी होने के बाद भी लाइट नहीं लगाई जाएगी। सोनू अवस्थी ( निवासी औंग )
बयान
पीएनसी और हाईवे के लोगों ने छः महीने लाइट जलाने बुझाने का काम लिया महीने में छः हजार रूपए देने की बात हुई थी, अभी तक भुगतान नहीं हुआ-रोहित पाण्डेय (निवासी औंग)
बयान
ओवर ब्रिज के नीचे लाइट लगाने के लिए कई बार कहा गया है, पीएनसी ने आश्वासन दिया भी दिया है। उनको यह भी अवगत करा दिया गया है कि यदि पुल के नीचे रात में कोई घटना होगी तो पीएनसी और हाईवे को जिम्मेदार ठहराया जाएगा-ममता शुक्ला (ग्राम प्रधान औंग)