पत्रकार जागेन्द्र हत्या काण्ड को, जिले में दोहराने का षणयंत्र!

पत्रकार जागेन्द्र हत्या काण्ड को, जिले में दोहराने का षणयंत्र!

हारी हुई राजनीति खेल रही है पत्रकार के साथ जिन्दगी मौत का
खेल

पत्रकार जागेन्द्र हत्या काण्ड का इकलौता गवाह रहा राजू मिश्रा के साथ मानसिक उत्पीड़न

शाहजहाँपुर:उ०प्र०:७ जून २०१९
(इमरान सागर की कलम से)

पत्रकार अनुराग मिश्रा(राजू मिश्रा) पर आईपीसी की धारा ३०२ का फर्जी मुकदमा दर्ज करा कर सपा नेता, विगत वर्षो में हुए पत्रकार जागेन्द्र सिंह हत्या काण्ड को दोहराने का षणयंत्र रचते दिखाई दे रहे हैं!

प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्रकार अनुराग मिश्रा(राजू मिश्रा) शहीद पत्रकार जागेन्द्र सिंह हत्या काण्ड का इकलौता गवाह है! निवृतमान समाजवादी सरकार में गवाही तोड़ने के लिए कलमकार राजू को लाखो रूपये के लालच के साथ ही अनेको प्रकार से मौत की धमकियाँ तक दी जाती रही परन्तु यदि वह गवाही से टूटा नही तो किसी मामले में बोला भी नही!

बताया गया कि जागेन्द्र हत्या काण्ड पुलिस और शासन प्रशासन के लिए आज भी एक अनसुल्झी पहेली के रूप में चर्चा बना हुआ है! इधर भेद खुल जाने के डर से गवाह कलमकार को डराने, धमकाने का भरसक प्रयास चलता रहा और धीरे-२ प्रदेश में समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ कर भारतीय जनता पार्टी की ईमानदार सरकार ने अपना परचम लहरा दिया! प्रदेश में सरकार बदलने के साथ दबंग सपा नेता खामोश भले ही बैठ गये परन्तु जागेन्द्र हत्या काण्ड का इकलौता गवाह राजू मिश्रा आँख का कांटा बना रहा और उसकी कलम तोड़ कर रास्ते से हटाने का प्रयास लगातार चलता रहा, परन्तु मौका नही मिल सका!

जनप्रतिनिधि के रूप में क्षेत्र में गन्दी राजनीति के व्यावस्थापको को हांलाकि कलमकार राजू के रूप में जागेन्द्र हत्या काण्ड का एकलौता गवाह हटाने का मौका तो नही मिला लेकिन जिले के जलालाबाद स्थित समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत सदस्य विजेन्द्र सिंह को अपने पुत्र की सन्दिग्ध मौत का टीकरा राजू पर फोड़ने का मौका जरूर मिल गया और उसने अपनी राजनीतिक रसूखता का लाभ उठाते हुए अपने खिलाफ समाचार लिखने वाले कलमकार पर फर्जी मुकदमा ही नही लिखवा दिया बल्कि दबंगई के चलते पुलिस पर भी अनैतिक दबाव बनाया गया!

क्षेत्र सहित प्रदेश में हारी हुई राजनीति अपनी पूर्व की दबंगई के बल पर कलमकारो के साथ उत्पीड़न करने उन्हे झूठे मुकदमो में फंसाने का बहुबल प्रयोग करती नज़र आ रही है, इसे एक षणयंत्र ही कहा जायेगा जो कि बिना किसी जांच के पुलिस पर तत्काल धाराशासनादेश और माननीय न्यायालय के आदेशो की धज्जियाँ उड़ाते हुए बिना किसी जांच के एक पल गवायें, पत्रकार सहित तीन पर आईपीसी की धारा 245/19 302/120B / 328 में अनुराग मिश्रा अमित मिश्रा के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया!

सूत्रो की माने तो जिप सदस्य के पुत्र की मौत का क्षेत्र में कलमकारो सहित आमजनमान को भी बड़ा दुख हुआ और इस दुख की घड़ी में जिले भर के जानकार परिवार के साथ खड़े हुए लेकिन षणयंत्र रच पुत्र की मौत का फर्जी आरोप स्थानीय पत्रकार पर लगाना पूरी तरह निराधार है क्यूंकि उक्त प्रकरण में रत्तीभर संयम नही बरता गया और न ही कोई जांच हुई अब तक!

प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ईमानदार सरकार द्वारा पत्रकारो के हित में अनेको कानून बना कर सुर्खियाँ बटोरना ही कहा जायेगा क्यूंकि उक्त कानूनो का पालन होते अब तक किसी पुलिस थाने या प्रशासनिक स्तर पर नज़र नही आ़ा! पत्रकार द्वारा तहरीर दिए जाने पर महीने मुकदमा दर्ज नही होता जबकि पत्रकार के खिलाफ तहरीर मिलने का पुलिस जैसे मुकदमा लिखने के लिए इन्तज़ार करती नज़र आती है!

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