हाथरस के अपर सत्र न्यायाधीश/ एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय ने सिपाही को एसओ के ऊपर तमंचे से जान से करने की नीयत से फायर करने के आरोप में दोषी करार देते हुए 6 साल कैद की सजा सुनाई है। पूर्व में यह सिपाही एसओ की लड़की को बहला फुसलाकर डरा धमका कर भाग ले जाने के आरोप में जेल गया था। जेल से छूटने के बाद सिपाही जान से मारने की धमकी देता रहता था।
थाना सिकंदराराऊ में एसओ ने तहरीर दी थी। तहरीर में कहा था कि 4 दिसंबर 2014 की शाम लगभग सात बजे एक आरक्षी मोटरसाइकिल से आया। मोटरसाइकिल गली में खड़ी करके उसके घर में घुस आया, जब उसने टोका तो सिपाही ने तमंचा तानकर कहा कि आज तुझे जान से मार कर तेरी लड़की को जबरन अपने साथ खींच कर ले जाऊंगा। उसने जान से मारने की नीयत से तमंचे से एसओ पर फायर कर दिया। शोर पर एसओ का पुत्र भाई व भतीजे मौके पर आ गए। सब ने सिपाही को पकड़ लिया। उसे पकड़कर थाने लेकर आए।
वादी हाथरस जनपद के एक पड़ोसी जनपद में पुलिस रेडियो विभाग में एस ओ के पद पर नियुक्त था। यह सिपाही 10 जुलाई 2014 एसओ की बेटी को बहला फुसलाकर व डरा धमका कर भगा ले गया था। इस घटना के संबंध में एसओ ने एटा में मुकदमा दर्ज कराया था। इस सिपाही को उसकी बेटी के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और न्यायालय के आदेश पर बेटी को एसओ के सुपुर्द कर दिया था। सिपाही इस मामले में जेल गया था। जेल से छूटने के बाद सिपाही मोबाइल से एसओ को जान से मार डालने एवं उसकी पुत्री को जबरन घर से ले जाने की धमकी देता था। इसी वजह से 4 दिसंबर 2014 को एसओ के ऊपर सिपाही ने जान से मारने की नीयत से फायर करने की घटना कर दी।
इस मामले में थाना सिकंदराराऊ में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक ने विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/ एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी सिपाही को दोषी करार देते हुए 6 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।