एनटीपीसी ऊंचाहार द्वारा हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रामीणों में लिखा प्रधानमंत्री को पत्र।

एनटीपीसी ऊंचाहार द्वारा हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रामीणों में लिखा प्रधानमंत्री को पत्र।

ऊंचाहार रायबरेली

एनटीपीसी ऊंचाहार के द्वारा स्थापित राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम परियोजना द्वारा कोयला व पानी से विद्युत उत्पादन किया जाता है जिस से निकलने वाले कण और मिक्सिंग से उत्पन्न कोयले के कणों के उड़ने के कारण क्षेत्रवासियों को दमा ,अस्थमा, खांसी ,आंख में जलन व गले की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है विशेष रूप से नवजात शिशुओं छोटे बच्चों व वृद्ध जनों को ज्यादा परेशानी होती है इससे क्षेत्र की लगभग 60 प्रतिशत आबादी को प्रतिदिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है कारखाने के यंत्रों के शोर से बहरेपन की समस्या के साथ-साथ महिलाओं को परेशानी होती है कारखाने के शोर व मशीनों के चलने से घर हिलते हैं जिससे घरों के गिरने का भी डर बना रहता है यह सारा मामला ऊंचाहार कोतवाली के ग्राम बिकई पुरवारा जिला रायबरेली का है जहां के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी समस्या बयां की ग्रामीणों ने बताया कि एनटीपीसी ऊंचाहार द्वारा हम लोगों की जमीन का अधिग्रहण कर कारखाने की स्थापना की गई परंतु कारखाना प्रशासन द्वारा आज तक हम लोगों को कोई सुविधा नहीं दी गई है गांव गलियों तक पहुंचने के लिए कोई ठीक-ठाक मार्ग भी नहीं है बारिश के अतिरिक्त अन्य मौसम में भी आए दिन राहगीर व ग्रामवासी सड़कों पर गिरकर चोटिल अथवा गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं जबकि बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति सभी क्षेत्रवासियों के लिए और भी कष्टदायक हो जाती है सड़कों पर पानी भरा रहता है स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर एनटीपीसी परिसर में स्वास्थ्य केंद्र है परंतु वह भी महज रेफरल सेंटर बनकर रह गया है क्षेत्रवासी अगर कभी अस्पताल या किसी व्यक्तिगत कार्य से डाकघर, बैंक आदि के काम से एनटीपीसी में जाना चाहे तो वहां पर तैनात सुरक्षाबलों के जवान अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए प्रवेश नहीं करने देते हैं ग्रामीणों ने बताया कि इसी समस्या के चलते क्षेत्र के रहने वाले यहां से पलायन प्रारंभ कर चुके हैं लगभग 30 फ़ीसदी आबादी क्षेत्र छोड़कर अन्य जगहों पर चले गए हैं यह हाल अगल बगल के कई गांव में हैं सबसे ज्यादा दिक्कत बिकई, पुरवारा, फरीदपुर बहेरवा आदि गांवों में ज्यादा है क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि एनटीपीसी द्वारा 3 किलोमीटर के क्षेत्र के अंदर आने वाले सभी गांवों को एनटीपीसी द्वारा निशुल्क बिजली दी जाए ग्रामीण कई बार समस्या से निजात के लिए कई बार अधिकारियों व प्रशासन से मांग कर चुके हैं मगर इसका कोई रिजल्ट नहीं निकला हर बार कुछ क्षेत्रीय लोग ठेकेदारी पाने की लालच में ग्रामीणों की समस्याओं को दबा देते हैं जिससे एनटीपीसी के अधिकारी खुश हो जाते हैं और उसका इनाम उनको एनटीपीसी ऊंचाहार में ठेकेदारी के स्वरूप में मिलता है

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