फतेहपुर। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत विश्व तम्बाकू दिवस का आयोजन अमर शहीद जोधा सिंह अटटैया ठाकुर दरियाव सिंह मेडिकल कॉलेज मे प्रधानाचार्य डीन डा० आर०पी० सिंह की अध्यक्षता में किया गया। प्रधानाचार्य डा० आर०पी० सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 में तम्बाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया। इसका मुख्य कारण था कि उस दौर में तम्बाकू का सेवन से होने वाली मौतों की संख्याओं की बढ़ोत्तरी होना। अगले वर्ष 1988 में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाने लगा। उन्होंने सभी छात्रों को तम्बाकू के प्रयोग न करने की शपथ दिलायी गई। इस कार्यक्रम में 200 मेडिकल छात्र/छात्राओं एवं फैकल्टी मेम्बर्स ने विश्व तम्बाकू नियंत्रण पर उद्बोधन दिया। साथ ही डा० प्रदीप कुमार, एच०ओ०डी० मेडिकल कालेज ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुये बताया कि युवाओं को आगे आकर इस तम्बाकू निषेध के दिन प्रतिज्ञा लेनी चाहिए साथ ही लोगों को बताना चाहिए कि तम्बाकू हम सब के लिये किस प्रकार हानिकारक है। डा० राजीव जायसवाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि तम्बाकू हमारे शरीर के प्रत्येक भाग को प्रभावित करता है। इसी क्रम में उ०प्र० वालेण्ट्री हेल्थ एसोसिएशन के रीजनल कोआर्डिनेटर पुनीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तम्बाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है। हमे युवा वर्ग को इससे बचाना है। साथ ही उन्होंने बताया कि धूम्रपान मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। इसे किसी भी रूप में सेवन करने पर जीवन पर खतरा पड़ सकता है। उन्होंने कोटपा अधिनियम की सभी धाराओं पर प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही नोडल अधिकारी, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम डा० सुरेश कुमार ने बताया कि तम्बाकू का सेवन रोकने के लिये इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष दुनियाभर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। सभी युवाओं को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा। इसी के साथ महेन्द्र सिंह लोधी, अपर शोध अधिकारी कार्यालय मु०चि०अ० ने बताया कि युवाओं के लिये तम्बाकू एक अभिशाप की तरह है। युवाओं के मानसिक व शारीरिक अंगों को क्षीर्ण करती है।इसी के साथ-साथ मुख्य चिकित्सालय अधिकारी कार्यालय में डा० इश्तियाक अहमद ने हस्ताक्षर अभियान कर समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को तम्बाकू न सेवन करने की शपथ दिलायी। साथ ही उन्होंने बताया कि तम्बाकू के उपयोग से फेफड़ों का कैंसर दिल से जुड़ी बीमारियों, सांस से जुड़ी बीमारियां आदि होती है। उन्होंने बताया कि डब्लू०एच०ओ० की थीम बच्चों को तम्बाकू इंडस्ट्री के इंटरफेरेंस से बचाना। इसके तहत लोगों तक यह संदेश पहुँचाया जायेगा कि बच्चों को तम्बाकू की फैक्ट्रियों में काम न कराया जाये।