भागवत कथा में विदुर चरित्र का किया वर्णन

-जीवन जीना रामायण से सीखना चाहिए

विजयीपुर, फतेहपुर। ग्राम रानीपुर बहेरा द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दुसरे दिन दिवस बांदा चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश से आए हुए कथावाचक कुव भक्ति त्रिपाठी के द्वारा विदुर चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि विदुर ने धृतराष्ट्र को समझाते हुए कहा कि नियम कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए आप राजा हैं प्रजा जब भी कोई अपराध करती है तो आप मृत्युदंड जैसा दंड देने में भी हिचकिचाते नहीं है लेकिन जब आपका पुत्र अपराध कर रहा है तो फिर नियम कानून और दंड में शिथिलता क्यों दुर्याेधन पांडवों के साथ अधर्म कर रहा है उसको भी दंडित करना चाहिए। कथावाचक ने बताया कु० भक्ति त्रिपाठी ने कहा कि जीवन जीना सीखना है। तो श्री रामायण से सीखो और मरना सीखना है तो भागवत गीता से सीखो। त्रिवेणी संगम में गंगा जमुना एवं सरस्वती का मिलन होता है। मिलन में गंगा जमुना तो दिखाई देती है लेकिन सरस्वती को कोई नहीं देख पाता सरस्वती को देखने के लिए कई बार प्रयास करने पड़ते है। लेकिन सफलता नहीं मिलती इसी तरह गीता में विज्ञान, वैराग्य और भक्ति है लेकिन विज्ञान और वैराग्य तो दिखाई देता है। कथावाचक ने वाराह अवतार, कपिल देवहूति संवाद एवं सती चरित्र की कथा का वर्णन भी किया गया। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा सुनाई जा रही है। जिसमें क्षेत्रवासियों की भीड़ उमड़ रही है। कार्यक्रम में जय नारायण अग्निहोत्री, प्रणेश अग्निहोत्री, आचार्य देव शरण त्रिपाठी, शुभम अवस्थी, रवि अवस्थी आदी लोग मौजूद रहे।

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