फतेहपुर। ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के जिलाध्यक्ष मातादीन पाल के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान इन लोगों ने कहा की संसद द्वारा सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 बड्स एक्ट 2019 बनाकर ठग कंपनीज एवं ठग सोसाइटी में डूबी हुई जमा राशि को पीड़ित आवेदक को 180 दिन में जमा राशि के दो से तीन गुना वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया था। अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 के अंतर्गत फतेहपुर में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनका भुगतान करने हेतु भुगतान पटल की स्थापना हुई थी, जिसे अब जिला प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है। जो अनुचित है। यह स्थाई कानून है। इसके अंतर्गत नियुक्त सक्षम या सहायक सक्षम अधिकारी को स्थाई रूप से सुनवाई करनी है जो फतेहपुर में अभी तक आरंभ ही नहीं हुई है। लाखों आवेदनों पर आज तक नोटिस तक जारी नहीं किए गए हैं। जिससे निवेशक और कथित एजेंट साथियों में आपसी तनाव बना हुआ है। इन लोगों ने आरोप लगाया कि हाल ही में भुगतान न होने के कारण एजेंट राजेश विश्वकर्मा निवासी बरकतपुर खागा की गोली मारकर हत्या भी कर दी गई।इन लोगों ने मांग किया कि एजेंटों के ऊपर अनावश्यक रूप से कार्रवाई न की जाए और शिविर लगाकर उपरोक्त कानून के अंतर्गत ठगी पीड़ितों की जमा राशि का भुगतान कराया जाए। ज्ञापन देने वालों में राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद, राकेश कुमार साहू, अमृतलाल, अंबिका प्रसाद, राम अवतार, जगमोहन, श्रवण कुमार, विनोद मौर्य,विजय कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।