लखनऊ के अकबरनगर को जमींदोज करने के बाद अब अबरारनगर, रहीमनगर, इंद्रप्रस्थनगर और पंतनगर में भी अवैध निर्माण गिराने की तैयारी तेज हो गई है। कुकरैल रिवर फ्रंट के रास्ते में आने वाले करीब 3 किलोमीटर के दायरे में हुए निर्माण को ढहाया जाएगा। ऐसे में करीब 10 हजार की आबादी बेघर हो सकती है।
हालांकि इन इलाकों में रहने वाले लोगों का दावा है कि उनके पास रजिस्ट्री के कागज हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभी केवल मैपिंग कर रहे हैं। नदी के दोनों तरफ 50 मीटर के दायरे में आने वाले मकानों को चिन्हित किया गया है। सभी पेपर चेक कर रहे हैं। सर्वे में जिन घरों पर लाल निशान लगे रहे हैं, उन्हें तोड़ा जाएगा।
बता दें, पहले दिन (सोमवार) 20 मकानों पर लाल निशान लगाया गया। यह देख इनमें रहने वाले परिवार बिलख उठे।
टूट सकते हैं 1000 से ज्यादा मकान
अबरारनगर, रहीमनगर, इंद्रप्रस्थनगर और पंतनगर में करीब 1000 मकान टूटने की संभावना है। पंतनगर में करीब 250 , अबरारनगर में 600, रहीमनगर में 100 और इंद्रपथनगर में करीब 50 मकानों पर बुलडोजर चल सकता है। हालांकि अंतिम जांच के बाद इस संख्या में परिवर्तन भी हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया, रहीमनगर में जिन मकानों को गिराया जाना है, उन पर लाल निशान लग रहा है। यहां का सर्वे पूरा होने के बाद अबरारनगर और पंतनगर में भी सर्वे का काम किया जाएगा।
रहीमनगर में लोग बेच रहे प्लाट
यहां रहने वाले एक युवक ने बताया-कुछ जगहों पर लोग खाली प्लाट बेचने में लगे हैं। दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची तो एक दीवार पर प्लाट बिकाऊ है लिखा मिला। दीवार पर फोन नंबर भी दिए गए हैं। बड़ी बात यह है प्लाट भी नदी से कुछ मीटर की दूरी पर है।
रिसेल में प्लाट खरीदा, सवा करोड़ रुपए खर्च कर दिए
रहीमनगर में रहने वाले वकील यमुना प्रसाद वर्मा बताते हैं- रिसेल में जमीन खरीदी है। जमीन के सभी कागज मौजूद हैं। करीब सवा करोड़ रुपए अब तक मकान में खर्च हो चुके हैं। टीम ठीक से मैपिंग नहीं कर रही है। अपने हिसाब से कुछ भी किया जा रहा है। उनके घर पर निशान लगा दिया गया है। जबकि अगर ठीक से मैपिंग की जाएगी तो उनका घर 50 मीटर के दायरे से बहुत दूर है।
नदी की चौड़ाई 35 मीटर
नक्शे की बता करें तो कुकरैल नदी की चौड़ाई 35 मीटर है। दोनों तरफ 50 मीटर तक अवैध निर्माण तोड़े जाने हैं। एक तरफ पहले से बंधा बना है। ऐसे में उस तरफ अवैध निर्माण की संभावना कम है। दूसरी तरफ निर्माण दिख रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच हो रही है। नदी की चौड़ाई जहां खत्म हो रही है, वहां से 50 मीटर का दायरा लिया जाएगा।