कारगिल दिवस पर याद किए गए अमर शहीद

फतेहपुर। शहर के बड़नपुर चैराहा स्थित स्टैंडर्ड इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजूकेशन में कारगिल विजय दिवस पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई तथा उनके शौर्य को स्मरण किया गया। विद्यालय में आज कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष सभा का आयोजन किया गया जिसमें कुमार विश्वास की कविता ष्है नमन उनको ष्का विद्यार्थियों द्वारा सस्वर पाठ किया गया। इसके उपरांत विद्यालय के शिक्षकों द्वारा कारगिल युद्ध के शहीदों के बारे में छात्रों को तफसील से जानकारी दी गई। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक धनंजय सिंह ने कप्तान सौरव कालिया के शौर्य को स्मरण करते हुए बताया कि उनकी पोस्टिंग कारगिल में जाट रेजीमेंट में हुई थी और मौत से सिर्फ 4 महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। कारगिल युद्ध के पहले शहीद होने का श्रेय भी कप्तान सौरभ कालिया को है और उसे समय उनकी उम्र कुल 22 वर्ष थी। शिक्षक मृदुल कुमार ने कैप्टन विक्रम बत्रा के शौर्य को याद करते हुएबताया कि वे एक ऐसे जांबाज अधिकारी थे जिसे दुश्मन थर थर कांपता था और उनकी बहादुरी के कारण दुश्मन भी उन्हें शेरशाह के नाम से जानते थे। शिक्षक अमन ने कैप्टन हनीफ के योगदान को रेखांकित करते हुए बताया कि उन्होंने अपने सुसाइड मिशन का चयन खुद किया था और करने के बाद भी वह हमारी यादों में जीवित है। शिक्षिका निशा ने कप्तान सौरभ कालिया के बलिदान को स्मरण करते हुए बताया कि पाकिस्तान सुना द्वारा इन्हें जिंदा पकड़ लिया गया और उसके बाद पैशाचिक यातनाएं की गई परंतु कप्तान सौरभ ने बहादुरी के साथ यातनाओं का सामना किया और पाकिस्तान सेना के नापाक मंसूबों को नाकाम किया। शिक्षक प्रशांत दीक्षित ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस युद्ध में भारतीय सेना के 2 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और 527 जवान वीरगति को प्राप्त हुए।प्रधानाचार्य सतीश द्विवेदी ने कारगिल युद्ध में फतेहपुर के बलिदान को स्मरण करते हुए बताया कि अमौली के भावपुर गांव के निवासी पैरा कमांडो विजयपाल यादव ने कारगिल युद्ध में अपनी शहादत से हमारे जनपद को गौरवान्वित किया था। उन्होंने बताया कि 10 जून 1999 को कारगिल सेक्टर में शहीद हुए विजयपाल यादव अपनी मृत्यु के बाद भी गांव के हर बच्चे का हौसला बनाकर जीवित है। विद्यालय के प्रबंधक विष्णु कांत तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश की सीमा की रक्षा के लिए बलिदान होकर व्यक्ति नक्षत्र की तरह युगों को रोशनी देता रहता है। इस अवसर पर सर्वेश, अंजलि, आकांक्षा, श्रद्धा, मयंक अवस्थी, दीक्षा सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहकर आयोजन को गति देता रहा।

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