जिला अस्पताल में 12 हजार लेने के बाद भी सही ढंग से नहीं किया आपरेशन !

-आपरेशन के एक वर्ष बाद भी नहीं चल पा रहा मदन
-विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर भी मांगे तीन हजार, न देने पर आवेदन किया निरस्त
-पीड़ित ने सीएम समेत जिले के आलाधिकारियों से की शिकायत

फतेहपुर। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सीएम योगी की सख्त कार्यवाई के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की भ्स्र्ट कार्यशैली में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है और न ही इन पर कार्रवाई का खौफ दिख रहा है। स्वास्थ सेवा देने के नाम पर डाक्टर मरीजों से अवैध वसूली कर रहें हैं.! जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं जिसमे जिला अस्पताल में भर्ती मरीज का डॉक्टर ने 12 हजार रुपया लेकर आपरेशन किया। लेकिन मरीज का आपरेशन सफल नहीं हुआ और चलने में मरीज को दिक्क़त आने लगी। डाक्टर के चक्कर काट कर थक चुके गरीब मरीज ने विकलांग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया। यहाँ पर भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने पीड़ित से सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर तीन हजार रुपयों की मांग की.! गरीब होने के नाते रिश्वत न देने पर उसी आपरेशन करने वाले डाक्टर ने आवेदन को निरस्त कर दिया। किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष रनजीत सिंह पटेल की अगुवाई में पीड़ित ने मामले की शिकायत सीएम, डिप्टी सीएम समेत जिले के आलाधिकारियो से की हैं। मलवा थाना क्षेत्र के कोराई निवासी मदन कुमार ने बताया कि 4 जुलाई 2023 को एक दुर्घटना में उसका पैर फैक्चर हो गया था। इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था। आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर दयानन्द ने अपने सहयोगी के माध्यम से 12 हजार रुपया लेकर उसके पैर का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के 1 साल होने के बाद भी उसका पैर ठीक नहीं हुआ चलने में उसे दिक्कत होने लगी। वह विकलांग हो गया। इसके बाद उसने विकलांग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर भी 3 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी। गरीब होने के कारण उसने रुपए नहीं दिया तो उसका आवेदन पत्र निरस्त कर दिया। पीड़ित ने मांग करते हुए कहा कि मामले की जांच कराते हुए दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सीएमओ राजीव नयन गिरि ने बताया कि मामला संज्ञान में हैं कमेटी बनाकर जाँच कर कार्यवाई की जाएगी।

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