फतेहपुर। विकास भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 40 ग्राम प्रधानों और सहायक विकास अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का आयोजन पीरामल फाउंडेशन द्वारा बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के विषय पर चर्चा की गई। कार्यशाला के दौरान, मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना ने ग्राम चैपाल के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों तक पहुँचाने पर जोर दिया। बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों में बुनियादी साक्षरता (पढ़ने और लिखने की क्षमता) और संख्यात्मकता (गणना और संख्याओं को समझने की क्षमता) को सुनिश्चित करना है, ताकि वे अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में शिक्षा की मजबूत नींव प्राप्त कर सकें। श्री मीना ने कहा कि ग्राम पंचायतों में चैपाल का आयोजन किया जाए ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य, पेंशन, आवास और शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ आसानी से मिले। उन्होंने गूगल रीड अलोंग जैसे नवाचारों का सुझाव दिया, जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाई जा सके। उन्होंने सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रधानों के सहयोग की महत्ता पर जोर दिया। जिला विकास अधिकारी, प्रमोद सिंह चंद्रौल ने ग्राम पंचायत विकास योजना के अंतर्गत मनरेगा और नरेगा के माध्यम से वाटर हार्वेस्टिंग, सड़क निर्माण और कृषि संबंधी मुद्दों पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने ग्राम प्रधानों को पंचायत विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यशाला में रोहिणी रॉय, अनवर हुसैन, गांधी फेलो अनुप्रिया, पल्लवी, रिसिका सहित सी-3 और विक्रमशिला संस्था से मनोज कुमार और अनुभव गर्ग ने भी भाग लिया।