फतेहपुर। मलवा कस्बे में युवा विकास समिति समाजसेवी संगठन द्वारा फतेहपुर जनपद के 198 में स्थापना दिवस को लेकर के जनपद के गौरवशाली इतिहास के बारे में बच्चों को अवगत कराया गया। कार्यक्रम आयोजित कर एक दिन पूर्व ही केक काट करके फतेहपुर जनपद के ऐतिहासिक एवं गौरवशाली इतिहास को लेकर के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। युवा विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा की अगुवाई में सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में समिति के प्रमुख संजय दत्त द्विवेदी ने बताया कि 10 नवंबर 1826 में फतेहपुर जिले को जनपद के रूप में पहचान मिली थी।2016 से संगठन द्वारा जनपद का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फतेहपुर ऐतिहासिक पौराणिक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए ऐसा जिला है जो गंगा और जमुना के बीच में बसा हुआ है। जिले के इतने ऐतिहासिक होने के बाद भी पिछड़ा हुआ जनपद कहा जाता है।अपनी पहचान के लिए टोह टटोलता फतेहपुर 198 वर्ष का होने वाला है। वहीं संगठन के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने केक काटकर एक दूसरे को जिले के स्थापना दिवस पर बधाई दिया। उन्होंने कहा कि जनपदवासी अपने-अपने घरों में 10 नवंबर को एक-एक दिया जलाएं और अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व करें। फतेहपुर के ऐतिहासिक स्थलों में बावन क्रांतिकारियों की शहीद स्थली बावनी इमली खजुहा, पौराणिक स्थली शिवराजपुर में मीरा द्वारा स्थापित गिरधर गोपाल मन्दिर में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फतेहपुर जिले में ऋषि मुनियों की तपोस्थली रही है। इतना गौरवशाली इतिहास होने के बाद भी समय-समय पर जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा के चलते फतेहपुर पिछड़ गया।जिसके कारण यह पिछड़ा हुआ जनपद का दाग लग गया। इस मौके पर प्रधानाचार्य अवधपाल सिंह, मुकेश, अंकित, महेंद्र, मिलन, संजय सिंह, दीपेंद्र, किरन, कमल बाजपेई, अंकित अग्निहोत्री, विकास मिश्रा आदि लोग रहे।