कस्बे में चार सौ बोरी डीएपी खाद साबित हुई ऊंट के मुंह में जीरा, भटक रहे किसान

बिंदकी, फतेहपुर। डीएपी खाद का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दीपावली के त्यौहार के बाद बुधवार की शाम को 4 फरवरी डीएपी खाद आई थी। देर शाम तक एक एक किसान को सिर्फ एक-एक बोरी ही डीएपी खाद मिल पाई और खत्म हो गई थी। गुरुवार को सारा दिन डीएपी खाद के लिए किसान इसको किसान सेवा केंद्र में बैठे रहे। वर्तमान में गेहूं की बुवाई तेजी से चल रही है किसानों को डीएपी खाद की बहुत जरूरत है ।इसलिए हर हाल में किसान डीएपी खाद प्राप्त करना चाहता है लेकिन डीएपी खाद नहीं मिल पा रही है बताया जाता है कि दीपावली के त्यौहार के बाद मुश्किल से बुधवार को दिन में करीब 3 बजे 400 बोरी डीएपी खाद आई थी जो देर शाम तक किसानों को बांट दी गई इस मामले में इसको किसान सेवा केंद्र के प्रभारी विनय श्रीवास्तव ने बताया कि 400 बोरी डीएपी खाद आई थी प्रत्येक किसान को एक-एक बोरी दी गई है जब डीएपी खाद फिर आएगी तो पुनः दी जाएगी। जाफराबाद गांव निवासी राम प्रसाद ने बताया कि वह कई दिन से लगातार आ रहे हैं लेकिन डीएपी खाद नहीं मिल पा रही है बताया कि वह गुरुवार को कई बार आए लेकिन इसको किसान सेवा केंद्र में खाद नहीं मिली इसको किसान सेवा केंद्र में केंद्र प्रभारी विनय कुमार श्रीवास्तव तथा उनके सहायक लाल बहादुर पटेल मौजूद है बताया कि जल्द ही फिर डीएपी खाद आएगी और किसानों को दी जाएगी।

 

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